style="text-align: justify;">नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम, 2014 तथा इससे संबंधित संविधान संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के खिलाफ अपील लंबित रहने के दौरान आयोग केवल उन अतिरिक्त न्यायाधीशों के मामले पर गौर करेगा, जिनका कार्यकाल खत्म होने जा रहा है।
सर्वोच्च न्यायालय के संवैधानिक पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जे.एस. खेहर ने महान्यायवादी मुकुल रोहतगी का बयान दर्ज किया। इसके मुताबिक, एनजेएसी केवल मौजूदा उन अतिरिक्त न्यायाधीशों की जगह नई नियुक्ति करेगा, जिनका कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। रोहतगी ने न्यायालय से कहा कि एनजेएसी का संविधान दो प्रख्यात लोगों के चयन व नियुक्ति के बाद पूरा हो जाएगा।
सुनवाई लंबित रहने की अवधि के दौरान आयोग के लिए दो प्रख्यात लोगों के नामांकन के फलस्वरूप एनजेएसी अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति करेगा। मुकुल रोहतगी ने न्यायालय से कहा कि कार्यकाल पूरा करने वाले अतिरिक्त न्यायाधीशों का पहला जत्था असम से होगा जो 20 मई को अपना कार्यकाल पूरा करेंगे, जबकि जून में बंबई उच्च न्यायालय से 7-8 न्यायाधीश कार्यकाल पूरा करेंगे।
जुलाई-अगस्त में एक भी मामला नहीं है। इसके बाद सितंबर में अतिरिक्त न्यायाधीशों को पक्का करने या उन्हें विस्तार देने के मामले आएंगे। अतिरिक्त न्यायाधीशों के भविष्य पर सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन (एससीएओआरए) की तरफ से पेश हुए वकील फली नरीमन की चिंता को साझा करते हुए रोहतगी ने कहा कि वे खुद यह नहीं चाहते कि दो साल के बाद एक अतिरिक्त न्यायाधीश को घर जाने के लिए बोल दिया जाए।
रोहतगी ने न्यायालय से कहा, "कोई भी अतिरिक्त न्यायाधीश सरकार की ढिलाई की वजह से बाहर नहीं होगा।" उन्होंने कहा कि जैसा कि न्यायालय ने सुझाव दिया है कि मामले की सुनवाई के दौरान जिन अतिरिक्त न्यायाधीशों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, उन्हें तीन महीने का विस्तार दिया जाए। न्यायालय ने कहा था, "इस वक्त हम पक्ष नहीं ले रहे।
आप (सरकार) पुरानी प्रक्रिया (कॉलेजियम सिस्टम) को स्वीकार नहीं कर सकते, वे (याचिकाकर्ता) सोचते हैं कि नई प्रक्रिया (एनजेएसी) बेकार है। वैसे अतिरिक्त न्यायाधीश जो अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे तीन महीने का विस्तार पाएंगे।" न्यायायल की चिंता के मद्देनजर, रोहतगी ने न्यायालय से कहा कि इस पहलू पर 12 मई को सुनवाई किया जाए जरूरत के मुताबिक निर्णय लिया जाए। रोहतगी ने हालांकि न्यायालय से कहा कि कोई भी कदम उठाने से पहले सरकार न्यायालय की मंजूरी लेगी।