नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आॅटो चालकों को सम्बोधित करते हुए कहा था की उनकी बेटी ने लर्निंग लाईसेंस के लिए एक अधिकारी को रिश्वत की पेशकश की थी, लेकिन उस अधिकारी ने रिश्वत लेने से मना कर दिया इससे साफ़ जाहिर होता है कि दिल्ली में भ्रष्टाचार कम हुआ है. केजरीवाल ने यह कहानी अपनी सरकार की पीठ थपथपाने के लिए सुनाई थी, लेकिन अब वें खुद इसमें फसते नजर आ रहे है.
हाल ही में दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सहगल ने केजरीवाल की बेटी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) में शिकायत दर्ज करवाई है. सहगल ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून 1988 की धारा 12 के तहत केजरीवाल की बेटी पर किसी अधिकारी को घूस देने की पेशकश करने का आरोप लगते हुए मामले की जांच और आवश्यक कार्रवाई की मांग की है.
बता दे कि सभा के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि मेरी बेटी लर्निंग लाईसेंस के लिए विभाग में पहुँची। मेरी बेटी वहां पहुंची और उसने अपना क्रम आने तक इंतजार किया। इसके बाद एक अधिकारी से कहा कि वह आवश्यक सर्टिफिकेट नहीं ला पाई है। जिस पर अधिकारी ने लाईसेंस बनाने से इंकार कर दिया। ऐसे में मेरी बेटी ने अधिकारी को रिश्वत देने की पेशकश की।
जिस पर अधिकारी ने उसके फोन पर नजर रखना प्रारंभ कर दिया कि युवति कहीं उसे आॅब्ज़र्व तो नहीं कर रही। जिसके बाद उसने कहा कि उसे अर्जेंट लाईसेंस की आवश्यकता है। जिसके लिए वह कितने भी पैसे देने के लिए तैयार है, मगर अधिकारी ने रिश्वत लेने से इंकार कर दिया। जिसके बाद मेरी बेटी फिर अधिकारी के पास आवश्यक दस्तावेज लेकर पहुंची. इससे साफ जाहिर होता है कि दिल्ली में भ्रष्टाचार कम हुआ है.