युधिष्ठिर ने महिलाओं को दिया है यह श्राप'
युधिष्ठिर ने महिलाओं को दिया है यह श्राप'
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महिलाओ को लेकर एक बात यह प्रायः स्पष्ट है की वह किसी भी गोपनीय बात को ज्यादा समय या दिनों तक छुपा कर नहीं रख सकतीं। महिलाये इस प्रकार की गोपनीय बातो को अक्सर बातों-बातों में या किसी मौके पर उसे सार्वजनिक कर ही देती हैं। यह बात कितनी सत्य है, यह विचार या बहस का विषय बन सकता है लेकिन इस संबंध में एक कथा भी बहुत प्रचलित है। इस कथा के अनुसार महिलाओं को किसी व्यक्ति ने शाप दिया है जिसके कारण वे किसी रहस्य को हमेशा रहस्य बनाकर ज्यादा समय तक नहीं रख सकतीं। महिलाओ को यह शाप देने वाले और कोई नहीं बल्कि युधिष्ठिर थे जिनके बारे में कहा जाता है की वह सदा सत्य बोलते थे और उनकी जिह्वा पर सरस्वती स्वयं विराजमान थी।

उन्होंने महाभारत युद्ध की एक घटना के बाद महिलाओं को शाप दिया। मान्यता है कि उसके बाद ही महिलाएं किसी रहस्य को हमेशा बरकरार नहीं रख सकतीं। जब महाभारत का युद्ध अपनी चरम सीमा पर था और कौरव सेना लगातार पराजय का सामना कर रही थी तब कर्ण मैदान में आया। उसका अर्जुन के साथ भयंकर युद्ध हुआ और वह युद्धभूमि में ही मारा गया। अर्जुन सहित सभी पांडवों को इस बात का मालूम नहीं था कि कर्ण उनका बड़ा भाई है। कुंती को भगवान सूर्य के आशीर्वाद से कर्ण का जन्म हुआ था। उस समय कुंती का विवाह नहीं हुआ था।

कुंती ने यह रहस्य किसी को नहीं बताया। कर्ण की मौत के बाद यह रहस्य खुला तो युधिष्ठिर और सभी पांडव बहुत दुखी हुए। तब युधिष्ठिर ने संपूर्ण विश्व की महिलाओं को यह शाप देते हुए कहा की वह किसी भी रहस्य्मय बात को ज्यादा दिनों तक छुपाकर नहीं रख पायेगी। माना जाता है कि युधिष्ठिर के उस शाप का प्रभाव आज तक बरकरार है।

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