कोरोना के चलते खेल की कई गतिविधियां रद्द कर दी गई 
कोरोना के चलते खेल की कई गतिविधियां रद्द कर दी गई 
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दिनों दिन बढ़ रहा कोरोना का काहर आज पूरी दुनिया में मौत का साया बनता जाए रहा है. वहीँ इस वायरस की चपेट में आने से 18000 से अधिक लोगों की जाने ले चुका है. वहीं अब इस वायरस का असर धीरे-धीरे करके खेल जगत पर भी देखने को मिल रहा है. जिसके करना अब तक कई खेल भी रद्द्द किये जा चुके है.वहीं इस बात को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन की घोषणा के बाद साई ने एनआईएस पटियाला और बंगलूरू में ओलंपिक की तैयारियों के लिए चल रहे राष्ट्रीय कैंपों में सभी तरह की गतिविधियों को रोकने के आदेश दे दिए. कैंप में शामिल खिलाड़ी अब हॉस्टल से सिर्फ खाना खाने के लिए बाहर निकल सकेंगे. बाकी सारे दिन उन्हें हॉस्टल के कमरों के अंदर ही रहना होगा. साई ने खिलाड़ियों की मैदान और जिम पर गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोकने के आदेश दिए हैं. इस वक्त पटियाला और बंगलूरू में एथलेटिक्स, हॉकी और वेटलिफ्टिंग के कैंप चल रहे हैं. इनमें मनप्रीत सिंह, रानी रामपाल, मीराबाई चानू, हिमा दास जैसे खिलाड़ी हैं. अब ये सभी हॉस्टल के कमरों में रहेंगे.

जंहा रिपोर्ट्स का कहना है कि इससे पहले टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों के लिए एनआईएस पटियाला में चल रहे कैंप में 45 वेटलिफ्टर शामिल थे. ओलंपिक क्वालिफायर सिर पर था तो मीराबाई चानू, जेरमी लालरिनुनगा, राखी हलधर समेत दूसरे वेटलिफ्टरों को एक दिन में तीन सत्रों में ट्रेनिंग और कंपटीशन का 90 प्रतिशत लोड दिया जा रहा था. जिससे शरीर पूरी तरह कंपटीशन के रंग में रंग जाए. सभी को एक दूसरे से मिलने जुलने की इजाजत थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते अब स्थितियां एकदम से बदल गई. कैंप में  45 की बजाय नौ वेटलिफ्टर रह गए हैं. तीन की बजाय दो सत्र की ट्रेनिंग कर दी गई. ट्रेनिंग हॉल के बाहर एक दूसरे से किसी को मिलने की इजाजत नहीं है. यहां तक वेटलिफ्टरों को 90 प्रतिशत भार देना बंद कर फिटनेस की ट्रेनिंग शुरू कर दी गई, जो अब बंद होने जा रही है.

तीन के बजाय दो सत्र की कर दी गई थी ट्रेनिंग:  मिली जानकारी के अनुसार भारतीय टीम के चीफ कोच द्रोणाचार्य अवार्डी विजय शर्मा खुलासा करते हैं कि लिफ्टरों की ट्रेनिंग पहले से ही हल्की कर दी गई है. कंपटीशन से ठीक पहले लिफ्टरों को कड़ी ट्रेनिंग कराई जाती है. इसमें उन्हें कंपटीशन में उठाए जाने वाले कुल भार का 90 प्रतिशत भार दिया जाता है. रोजना की ट्रेनिंग में ऐसा नहीं किया जाता है. वरना चोटिल होने का खतरा रहता है. अभी तक ओलंपिक  क्वालिफायर के लिए सुबह सात, फिर 10 बजे से और शाम चार बजे से तीन सत्रों में ट्रेनिंग कराई जा रही थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में इस कड़ी ट्रेनिंग को बंद कर सुबह सात और शाम चार बजे के सत्र चलाए जा रहे थे.

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