नई दिल्ली: कोरोना वैक्सीन लेने के बाद जारी होने के टीकाकरण सर्टिफिकेट पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर को लेकर केंद्र सरकार ने बयान दिया है. सरकार का कहना है कि प्रमाण पत्र पर पीएम मोदी की तस्वीर एक वजह से लगाई गई है और ये कारण है लोगों को जागरुक करना. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री भारती पवार ने कहा कि सर्टिफिकेट, वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना महामारी से बचाव के लिए सभी प्रोटोकॉल का पालन करने के बारे में जागरूकता फैलाता है.
दरअसल, संसद के उच्च सदन में मंत्री से पूछा गया था कि क्या कोविड टीकाकरण सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीरें छापना जरूरी और अनिवार्य है? इसके जवाब में पवार ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्रों का प्रारूप स्टैंडर्ड के अनुसार हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की गाइडलाइन्स के मुताबिक है. उन्होंने कहा कि, टीकाकरण प्रमाणपत्रों में पीएम मोदी की तस्वीर के साथ उनका संदेश व्यापक जनहित में टीकाकरण के बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करता है. यह सुनिश्चित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है कि इस प्रकार के अहम संदेशों को लोगों तक सबसे असरदार तरीके से प्रसारित किया जाए.
भारती पवार ने आगे कहा कि, 'तमाम राज्य और केंद्र शासित प्रदेश कोरोना टीकाकरण के लिए कोविन एप्लिकेशन का इस्तेमाल कर रहे हैं और टीकाकरण प्रमाण पत्र कोविन के जरिए एक मानक प्रारूप में तैयार किए जाते हैं.' बता दें कि इससे पहले टीकाकरण सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर ने सियासी विवाद खड़ा कर दिया था. ऐसे में जब राज्य, केंद्र से टीके खरीद रहे थे, तब कई राज्य सरकारों ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तस्वीरों के साथ वैक्सीन सर्टिफिकेट जारी किए थे.
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