पाकिस्तान में 15 साल के हत्यारे को, 20 साल बाद मिली मौत की सजा
पाकिस्तान में 15 साल के हत्यारे को, 20 साल बाद मिली मौत की सजा
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लाहौर : नाबालिग उम्र में हत्या करने पर एक आरोपी को बालिग होने पर फांसी की सज़ा दी गई। जी हां, मामले में आरोपी का केस चलने के दौरान उसे करीब 35 वर्ष में फांसी दे दी गई। दरअसल ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि हत्या के इस आरोपी ने जब हत्या की थी तो उसकी उम्र 15 वर्ष थी और उसे नाबालिग होने पर फांसी नहीं दी जा सकती थी। ऐसे में पाकिस्तान का कानून अपराध के दौरान नाबालिग होने पर अपराधी को फांसी नहीं देता है। इस मामले में न्यायाधीश ने उसके बर्थ सर्टिफिकेट का अवलोकन करने से इंकार कर दिया। यही नहीं उसकी आयु अपराध के दौरान करीब 14 वर्ष बताई गई। न्यायालय ने कहा कि सर्टिफिकेट बहुत देर से पेश किए गए हैं।

हालांकि इस मामले में आरोपी अंसार का कहना था कि पुलिस ने उसके घर में बंदूकें रखकर उसे फंसा दिया लेकिन पीडि़त परिवार द्वारा कहा गया कि क्रिकेट के झगड़े में अंसार द्वारा वारदात की गई। उल्लेखनीय है कि भारत में नाबालिग को सजा सुनाए जाने पर कुछ नरमी बरती जाती है और जुवेनाईल जस्टिस को ध्यान में रखा जाता है इसके विपरीत आरोपी को किशोर गृह में भेज दिया जाता है या फिर बाल सुधार गृह में भेजकर उनके सुधार को लेकर कदम उठाए जाते हैं। 

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