हकीकत में सामने आई यादों की बारात
हकीकत में सामने आई यादों की बारात
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लखीमपुर ​: अक्सर आपने पुरानी फिल्मों में देखा होगा कि बचपन में नायक अपने परिवार से बिछुड़ जाता है और फिर अचानक युवा अवस्था में उसे पता लगता है कि वह अपने खोए हुए परिवार के आसपास ही मौजूद है तो उसकी खुशी का ठिकाना ही नहीं रहता। फिल्मी पर्दे की यह बानगी असलियत में साबित होती नज़र आई। जी हां, उत्तर प्रदेष के लखीमपुर निवासी 10 वर्षीय एक बच्चा अपने परिवार से बिछड़ गया था। मगर करीब पंद्रह साल बाद वह फिर अपने परिजन को मिल ही गया। मिली जानकारी के अनुसार तिकुनिया निवासी छेदुई पल्लेदार के पुत्र जुमराती करीब 10 साल की उम्र में ही अपने घर से लापता हो गया था। परिजन ने उसकी बहुत खोज- खबर की, मगर वह नहीं मिल पाया। उसके वियोग में पिता स्वर्ग सिधार गए और मां बीमार हो गई मगर बेटे के मिलने की आस उन्हें  लगी रही ।

आखिरकार उन्हें उनका बेटा मिल ही गया, जुमराती की चाची जब राजस्थान पहुंचे तो उन्हें अनासागर के करीब एक 25 वर्षीय युवक दिखा। उस युवक ने सलीला को देखकर पहचान लिया और वह अपने परिजन को लेकर पूछताछ करने लगा। ऐसे में परिजन का उल्लेख होने पर जुमराती को पहचान लिया । उसने कहा कि वह जीवित रहने के लिए मजदूरी करता रहा। बेेटे को परिवार घर लेकर आया जिसके बाद हर कोई खुश हो उठा।

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