11 वर्षों के बाद सूर्य में हुई हलचल, धब्बे से धरती को संकट
11 वर्षों के बाद सूर्य में हुई हलचल, धब्बे से धरती को संकट
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नई दिल्ली: 11 वर्षों से हमारा सूरज लॉकडाउन में रह रहा था. अब वह जाग चुका है, उसमें एक बड़ा सनस्पॉट नज़र आया है. यानी सौर धब्बा. यह धब्बा इतना बड़ा है कि जिससे निकलने वाली सौर ज्वालाएं यानी सोलर फ्लेयर्स धरती को हानि हो सकती है. इन सोलर फ्लेयर्स के कारण से धरती की संचार व्यवस्था बाधित की जा सकती है. सैटेलाइट कम्युनिकेशन पर असर पड़ता जा रहा है. नेविगेशन आदि में परेशानी आ सकती है यानी हवाई और समुद्री यातायात में परेशानियां बढ़ सकती है. शोधकर्ताओं ने इस बात को बताया है कि हर 11 वर्ष में सूरज की सतह पर काफी परिवर्तन होता हैं. यह बीते 11 वर्षों से शांत थी. लेकिन अब इसमें हलचल बढ़ने लगी है. हाल ही में सूरज में एक बड़ा धब्बा देखने को मिला है.

सूरज हुआ मद्धम! पांच गुना तक घटी रोशनी, वजह तलाश रहे साइंटिस्ट: इन विशाल धब्बों को सनस्पॉट कहा जाता हैं. परेशानी यह  है कि यह बड़ा सनस्पॉट हमारी धरती की ओर घूमता हुआ नज़र आ रहा है. इस सनस्पॉट से निकलने वाली सोलर फ्लेयर्स से धरती के लिए परेशानी बढ़ सकती है.  इस सनस्पॉट को AR2770 का नाम दिया गया है. आने वाले दिनों में इसका आकार और भी बढ़ता चला जाएगा.  रिपोर्ट के मुताबिक इस सनस्पॉट में से बहुत सारी छोटी ज्वालाएं पहले ही निकल चुकी हैं.

चीन में एक साथ दिखे तीन सूरज, तीन गुना ज्यादा थी रोशनी: धरती की तरफ घूमते ही इस सनस्पॉट ने पृथ्वी के वायुमंडल में आयनीकरण की लहर को तो जन्म दिया ही है. लेकिन अभी तक कोई बड़ी घटना होने का कारण सामने नहीं आया है. सूरज पर बनने वाले सनस्पॉट वे काले धब्बे होते हैं जो अंतरिक्ष में बनने वाले तारों की तुलना में  बहुत ठंडे होते हैं. लेकिन इनकी मैग्नेटिक फील्ड इतनी अधिक होती है कि ये विशाल मात्रा में ऊर्जा निकालते हैं. ये ऊर्जा सौर ज्वाला या सोलर फ्लेयर की तरह नज़र आती है.

ये है सबसे नजदीक जाकर ली गई सूरज की तस्वीर, इतिहास में पहली बार: सोलर फ्लेयर्स को सौर तूफान या कोरोना मास इजेक्शन भी कहते है. कई बार सनस्पॉट का आकार 50 हजार किमी व्यास का होता है.  जिसके भीतर से सूर्य के गर्म प्लाज्मा का बुलबुला तक निकलता है. जिसके विस्फोट से सोलर फ्लेयर्स बाहर आती हैं. सूरज में मिले इस धब्बे AR2770 की पहली तस्वीर अमेरिका के फ्लोरिडा में रहने वाले शौकिया एस्ट्रोनॉमर मार्टिन वाइज ने क्लिक की थी.  यह धब्बा मंगल ग्रह के बराबर है. जिसके भीतर भी कई धब्बे हैं. जो चांद की सतह पर मौजूद गड्ढों की तरह नज़र आता है.

सूरज भी लॉकडाउन में, क्या पूरी पृथ्वी पर जम जाएगी बर्फ?: NOAA  का कहना है कि यह सौर तूफान अंतरिक्ष में बहने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक धारा में परिवर्तन पैदा कर रही हैं. साथ ही धरती के चारों तरफ की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फील्ड में इलेक्ट्रॉन्स या प्रोटॉन्स को बढ़ा या घटा सकते हैं. इससे धरती के संचार सिस्टम पर प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है. 

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