काबुल: आतंकी संगठन तालिबान को पाकिस्तान द्वारा दी जा रही मदद के सबूत देने के बाद अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने बुधवार (21 जुलाई 2021) को सोशल मीडिया पर पाकिस्तान ट्रोल्स को करारा जवाब दिया। दरअसल, सालेह ने अपनी ट्विटर हैंडल से 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान के ईस्टर्न कमांड के इंचार्ज जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाजी की भारत के सामने आत्मसमर्पण करती हुई तस्वीर पोस्ट की। यह फोटो अक्सर पाक समर्थकों को चिढ़ाने के लिए काफी होती है।
We don't have such a picture in our history and won't ever have. Yes, yesterday I flinched for a friction of a second as a rocket flew above & landed few meters away. Dear Pak twitter attackers, Talibn & terrorism won't heal the trauma of this picture. Find other ways. pic.twitter.com/lwm6UyVpoh
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) July 21, 2021
सालेह ने तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि, 'इतिहास में हमारे पास ऐसी कोई तस्वीर नहीं रही है और न ही रहेगी। हाँ, कुछ देर के लिए मैं हिल गया था, जब रॉकेट हमारे ऊपर से निकला और थोड़ी दूर पर गिरा। तो पाकिस्तान के प्रिय ट्विटर हमलावरों, तालिबान और आतंकवाद इस फोटो के घावों पर मरहम नहीं लगा पाएंगे, इसलिए कोई और तरीका ढूँढ़े।' सालेह द्वारा पोस्ट की गई इस तस्वीर को खबर लिखे जाने तक 23,000 से अधिक लाइक और 8,000 से ज्यादा रिट्वीट मिल चुके हैं।
हालाँकि, इस पर भी कई पाकिस्तानी इसी झूठी कल्पना से खुश हैं कि उन्होंने कभी भारत से कोई जंग नहीं हारी। दरअसल, काबुल में बकरीद के अवसर पर राष्ट्रपति भवन में जब अशरफ गनी नमाज पढ़ रहे थे, तब वहाँ रॉकेट अटैक हुआ था। इस पर उपराष्ट्रपति ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी, जिसके बाद उन पर पाकिस्तानी ट्रोल ट्विटर के माध्यम से हमला कर रहे थे। सालेह द्वारा पोस्ट की गई यह ऐतिहासिक तस्वीर 16 दिसंबर 1971 की है। बांग्लादेश मुक्ति संघर्ष के दौरान उस समय का पूर्वी पाकिस्तान (वर्तमान बांग्लादेश) में पाकिस्तानी सेना के आला अधिकारियों ने 93,000 फौजियों के साथ इंडियन आर्मी के समक्ष सरेंडर कर दिया था, उसी दौरान यह तस्वीर खींची गई थी। भारत ने पाकिस्तान पर अपनी सैन्य विजय को ‘स्वर्णिम विजय वर्ष’ के तौर पर मनाया था।
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