अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के हटने के बाद तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया है। अब वहां के हालात कुछ अच्छे नहीं है। इस समय वहां के लोग देश छोड़कर जाना चाहते हैं। बीते कल से काबुल एयरपोर्ट पर भारी संख्या में लोग नजर आ रहे हैं। इस बीच हर कोई यहाँ की कड़ी निंदा कर रहा है। इस लिस्ट में अब शबाना आजमी, जावेद अख्तर भी शामिल हुए हैं। इन दोनों ने भी इस मुद्दे पर रिएक्ट किया है। हाल ही में जावेद अख्तर ने अमेरिका पर निशाना साधा है।
History teaches us that fanatics first attack culture under the guise of religion।Remember that #Taliban destroyed the 6th century Bamiyan https://t।co/Ypaz4HS1nv was a sign that human cruelty would follow
— Azmi Shabana (@AzmiShabana) August 17, 2021
वहीँ शबाना आजमी ने एक ट्वीट कर लिखा है- ''इतिहास ने हमें सिखाया है कि धर्मान्ध लोग पहले धर्म के नाम पर कल्चर पर अटैक करते हैं। याद है कि कैसे तालिबान ने 6th शताब्दी में Bamiyan statues (बामियान बुद्ध) को ध्वस्त किया था। यह क्रूरता की ओर इशारा करता है।'' वहीँ दूसरी तरफ जावेद अख्तर ने ट्वीट किया है और लिखा है- ''अमेरिका किस तरह की सुपरपावर है कि वो क्रूर तालिबान को खदेड़ नहीं पाया। ये कैसी दुनिया है, जो बिना दया के अफगानी महिलाओं को तालिबानियों के पास छोड़ दिया। उन पश्चिमी देशों को शर्म आनी चाहिए जो खुद को मानवीय अधिकारों का रक्षक होने का दावा करते हैं।''
What kind of super power US is that it couldn’t eradicate these barbarians called Talibans। What kind of world this world is that has left Afghan women to the lack of mercy of these fanatics।Shame on all those western countries who claim to be the saviours of human rights
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 16, 2021
इसके अलावा एक अन्य ट्वीट में जावेद अख्तर ने लिखा है- ''अमेरिका किस तरह की सुपरपावर है कि वो क्रूर तालिबान को खदेड़ नहीं पाया। ये कैसी दुनिया है, जो बिना दया के अफगानी महिलाओं को तालिबानियों के पास छोड़ दिया। उन पश्चिमी देशों को शर्म आनी चाहिए जो खुद को मानवीय अधिकारों का रक्षक होने का दावा करते हैं।'' वहीँ एक यूजर के ट्वीट का जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने लिखा है- ''क्या आप ये सजेस्ट कर रहे हैं कि कुछ दूसरी जगहों पर भी महिलाओं के साथ अन्याय और क्रूरता होती है, इसलिए तालिबानों का विरोध और निंदा नहीं की जानी चाहिए। ये कैसा लॉजिक है?''
How r the Afghan women different from those in Kashmir & Palestine? Aren't they brutalized by fanatics or r the fanatics in Kashmir & Palestine merciful toward women & children? Were u able to see footages of children & women shot with pallet guns & attacked by gunships? Speak up
— IAK (@ijaz_66) August 16, 2021
इन दोनों के अलावा फरहान अख्तर ने भी एक ट्वीट किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है- ''दुनिया की ताकतों को अभी इस बारे में बात करने की जरूरत है कि कैसे निर्दोष अफगानिस्तानियों की मदद की जाए। आने वाले दिनों और समय में नहीं, अभी।''
The only thing the powers of the world need to talking about right now is how to help innocent Afghans। Not in days and time to come। NOW।
— Farhan Akhtar (@FarOutAkhtar) August 16, 2021
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