देहरादून : प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी आदिबदरीनाथ मंदिर के कपाट रविवार शाम साढ़े सात बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने से पूर्व यहां सैकड़ों श्रद्घालुओं ने भगवान आदिबदरीनाथ के निर्वाण दर्शन किए। महिलाओं और ग्रामीणों ने भगवान आदिबदरीनाथ के जयकारे लगाए। पूरे पौष माह भगवान आदिबदरीनाथ के कपाट बंद रहेंगे। अब मकर संक्रांति के दिन पारंपरिक रीति रिवाज के साथ मंदिर के कपाट श्रद्घालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
कड़ाह भोग लगाने के बाद बंद हुए कपाट
जानकारी के अनुसार रविवार को मंदिर परिसर में भारी मात्रा में श्रद्घालु पहुंच रहे थे। इस दौरान कई श्रद्घालुओं ने मंदिर में रविवार ब्रह्म मुहूर्त में भगवान आदिबदरीनाथ के श्रृंगार दर्शन भी किए। दिन भर मंदिर में कार्यक्रम होने के बाद शाम सात बजे करीब मंदिर के पुजारी चक्रधर थपलियाल ने पूजा अर्चना शुरू की। इस दौरान भगवान आदिबदरीनाथ जी की पंच ज्वाला आरती उतारने के बाद उनका पीत वस्त्र, क्रीट मुकुट उतार कर निर्वाण स्वरूप देने के बाद भगवान आदिबदरीनाथ को घृत कंबल से लपेटा गया और कड़ाह भोग लगाने के बाद कपाट बंद किए गए।
रविवार को सैकड़ों श्रद्घालुओं ने भगवान के निर्वाण दर्शन किए। इस दौरान छिमटा की महिलाओं और श्रद्घालुओं ने भगवान आदिबदरीनाथ के जयकारे लगाए। कपाट बंदी के दौरान मंदिर समिति के अध्यक्ष समेत कई लोग मौजूद थे।
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