नई दिल्ली: सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) का कहना है कि कोविशिल्ड वैक्सीन की प्रभावशीलता 90 फीसद तक बढ़ जाती है, यदि दोनों शॉट्स के बीच तक़रीबन ढाई से 3 महीने का गैप दिया जाता है. इस साल के शुरु में प्रकाशित की गई ‘द लैंसेट’ की एक स्टडी में दावा किया गया था कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सपोर्ट से एस्ट्राजेनेका द्वारा बनाई गई वैक्सीन की दो खुराक के बीच यदि एक माह का गैप दिया जाता है, तो कोविशिल्ड वैक्सीन 70 फीसदी असर के साथ काम करती है.
अदार पूनावाला ने कहा कि एक माह के गैप में खुराक देने पर वैक्सीन 60-70 प्रतिशत असर दिखाती है. उन्होंने बताया कि लगभग एक हजार लोगों पर एक अध्ययन किया गया, जिसमें उनको वैक्सीन की दोनों खुराक दी गईं. दोनों डोज के बीच इस दौरान 2-3 महीने का गैप रखा गया. इस शोध के परिणाम में सामने आया कि यदि वैक्सीन की डोज लोगों को 2-3 महीने के अंतराल पर दी जाती है, तो इसकी प्रभावशीलता 90 फीसद तक बढ़ जाएगी.
पूनावाला ने आगे कहा कि यदि आप और दूसरी वैक्सीनों को भी देखेंगे, तो उनमें भी दो डोज के बीच बहुत लंबा गैप दिया जाता है. वैक्सीन शॉट्स के बीच जितना लंबा गैप दिया जाएगा, टीकाकरण का उतना ही अच्छा असर लोगों पर पड़ेगा. बता दें कि पिछले महीने सरकार ने नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप की सिफारिश पर कोविशिल्ड की पहली और दूसरी खुराक के बीच के गैप को आठ हफ्ते तक बढ़ाने का फैसला लिया था.
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