नई दिल्ली: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत के रहस्य ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहे और शंकालुओं के लिए नवीनतम सबूत के रूप में एक तस्वीर जारी हुई है, सिद्धांतकारों के अनुसार 1945 में सुभाष चंद्र बोस विमान दुर्घटना में नहीं मरे थे. एक ब्रिटिश विशेषज्ञ ने तस्वीर का एक फोरेंसिक मानचित्रण किया. जिसमे नेताजी तत्कालीन प्रधानमंत्री बहादुर शास्त्री के साथ 1966 में ताशकंद में भारत-पाक शांति वार्ता में उपस्थित है ऐसा प्रतीत हो रहा है.
फोटोग्राफ सबूत है कि आयोजित किये गए कार्यक्रम में नेताजी आए थे और 1945 में ताइहोकू में विमान दुर्घटना में नहीं मरे थे. शास्त्री ने किसी से मुलाकात की थी. यह शास्त्री के पोते सिद्धार्थ नाथ सिंह के एक दावे की पुष्टि करता है. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार शोधकर्ता अब व्लादिमीर पुतिन के साथ नेताजी की मौत के मुद्दे को उठाने के लिए मोदी से आग्रह करेंगे.
मोदी सरकार ने नेताजी की फ़ाइलों को गैर-गोपनीय करने की प्रक्रिया शुरू की है. 33 फाइलों के पहले बैच को अक्टूबर में राष्ट्रीय अभिलेखागार को सौंप दिया गया और 23 जनवरी 2016 को नेताजी सुभाष चंद्र की जयंती पर सार्वजनिक किया जाएगा. इससे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नेताजी से संबंधित 64 फाइलों को जारी की थी.