जबलपुर/ब्यूरो। पाटन थाना के ग्राम उड़ना में दो सगी बहनों की तालाब नुमा गड्ढे में जल समाधि बन गई। दोनों ही सगी बहने अपनी माँ और दादी के साथ शिवलिंग विसर्जित करने गई हुई थी। उसी दौरान अचानक ही उनका पैर फैसला और वह पानी में डूब गई।घटना के बाद उन्हें बचाने के लिए माँ और दादी ने चीख-पुकार करना शुरू कर दिया। जिसके बाद स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और दोनों बहनों को पानी से निकाला पर तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
जानकारी के मुताबिक जिस गांव में यह दर्दनाक हादसा हुआ है।वहां पर अवैध खनन माफियाओं का राज चलता है जिसके चलते गांव के आसपास की जमीनों में अवैध खनन कर वहां पर गहरे-गहरे गड्ढे बना दिए गए। बारिश में जब इन गड्ढों में पानी भर जाता है तो यह गड्डे ग्रामीणों के लिए मौत के तालाब बन जाते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि दो बहनों की पानी में जल समाधि की यह कोई पहली घटना नहीं हुई है। मृतकों के परिजनों ने बताया कि घर पर शिवलिंग की स्थापना की गई थी। आज 17 वर्षीय नेहा और 15 वर्षीय निधि अपनी माँ और दादी के साथ गांव के बाहर तालाब नुमा गड्ढे में शिवलिंग विसर्जित करने गई हुई थी। शिवलिंग विसर्जित करते समय अचानक ही नेहा और निधि का पैर फिसल गया जिसके चलते दोनों ही बहने गहरे गड्ढे में जा समाई। जब तक स्थानीय लोग उन्हें बाहर निकालते तब तक दोनों की ही मौत हो चुकी थी।
अवैध खनन कर बनाए गए गहरे- गहरे तालाब नुमा गड्ढे में दो सगी बहनों की जल समाधि बनने के बाद अब पुलिस प्रशासन की कार्यवाही पर ग्रामीणों ने सवाल खड़े कर दिए हैं।स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि गांव के आस-पास लगी जमीनों में अवैध खनन का काम कई दिनों से किया जा रहा है। खनन के बाद यही गड्ढे गहरे तालाब में तब्दील हो जाते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि इससे पहले भी कई बार घटनाएं हुई हैं। बावजूद इसके खनिज विभाग और स्थानीय पुलिस प्रशासन ने कभी भी इस और ध्यान नहीं दिया।नतीजन आज एक बार फिर दो सगी बहनों की पानी में डूबकर मौत हो गई।
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