ओणम : एक नजर में जानें त्यौहार से जुड़ीं हर बात, 10 दिन में क्या होता है ख़ास ?
ओणम : एक नजर में जानें त्यौहार से जुड़ीं हर बात, 10 दिन में क्या होता है ख़ास ?
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केरल के सबसे बड़े त्यौहार के रूप में ओणम को जाना जाता है। यह त्यौहार राजा महाबली के स्वागत में मनाया जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि ओणम फसलों की अच्छी उपज के लिए मनाया जाता है। इस दौरान श्रावण देवता और पुष्पदेवी का पूजन किया जाता है। आइए जानते हैं त्यौहार से जुड़ीं हर-छोटी बड़ी बात के बारे में विस्तार से। 

कब मनाया जाता है ओणम ?

ओणम का त्यौहार मलयालम कैलेंडर के मुताबिक़ मनाया जाता है। जब मलयालम कैलेंडर में चिंगम माह आता है तो इसकी शुरुआत हो जाती है। यह त्यौहार 10 दिनों का होता है। इस दौरान रोज कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित होता है। 

ओणम के ख़ास 10 दिनों का हाल 

अथम
इस त्यौहार का पहला दिन अथम कहलाता है। इस दौरान पीले रंग के फूलों से घर-आंगन में रंगोली बनाते हैं। रोज रंगोली में एक गोले को बढ़ाया जाता है और 10वें दिन तक इसका आकार काफी बढ़ जाता है। 

चिथिरा
ओणम त्यौहार का दूसरा दिन चिथिरा के नाम से जाना जाता हैं। इस दौरान रंगोली में एक वृत्त को बढ़ा दिया जाता है और घरों की साफ-सफाई भी की जाती है।

चोधी
तीसरे दिन को चोधी कहते हैं। इस दिन भी रंगोली में एक गोला और बढ़ा दिया जाता है। तीसरे दिन से खरीददारी भी शुरू कर दी जाती है।

विशाकम 
त्यौहार के चौथे दिन को विशाकम कहा जाता है। इसकी शुरुआत के साथ ही जगह-जगह प्रतियोगिताएं शुरू कर दी जाती हैं।

अनिज्हम 
पांचवा दिन अनिज्हम के नाम से जाना जाता है। इस दिन वालमकलि बोट रेस की शुरुआत होती है। दूर-दूर से लोग यह नज़ारा देखने के लिए आते हैं।  

थ्रिकेता 
6वें दिन को थ्रिकेता कहते है। कहा जाता है कि इस दिन से त्यौहार की रौनक बढ़ जाती है। 

मूलम 
त्यौहार का सातवां दिन मूलम कहलाता है। जगह-जगह इस दिन केरल का पारंपरिक नृत्य देखने को मिलता है। 

पूरादम 
ओणम का आठवां दिन पूरादम नाम से जाना जाता है। 8वें दिन वामन और महाबलि की मूर्तियां रंगोली के बीचों-बीच स्थापित होती है। 

उठ्रादोम
उठ्रादोम इस त्यौहार का 9वां दिन होता है। लोग अपने घरों में पारंपरिक सादिष्ट भोजन इस दिन बनाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन महाबली का केरल में आगमन हुआ था।  

थिरुवोनम 
ओणम का अंतिम या 10वां दिन थिरुवोनम नाम से प्रसिद्ध है। सभी दिनों से अधिक रौनक इसी दिन देखने को मिलती है। इस दिन पूजन  के बाद एक दूसरे को उपहार भेंट किए जाते हैं। यूं तो इस दिन नौ तरह के पकवान बनाए जाते हैं। हालांकि कई जगह 24-25 प्रकार के पकवान तक बनाए जाते हैं, जिनमे केले के चिप्स, पापड़म, पुलिंझी, थोरन, नारियल चटनी,ओलन, अवियल, सांभर दाल, रसम, खिचड़ी जैसे कई स्वादिष्ट व्यंजन शामिल होते हैं। 

 

जानिए क्यों मनाया जाता है ओणम ?

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