मसाज काफी नहीं, सत्येंद्र जैन को अब जेल में सूखे मेवे और खजूर भी चाहिए.., कोर्ट पहुंची वकीलों की फ़ौज
मसाज काफी नहीं, सत्येंद्र जैन को अब जेल में सूखे मेवे और खजूर भी चाहिए.., कोर्ट पहुंची वकीलों की फ़ौज
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नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में जेल मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन के वकीलों ने दिल्ली की एक कोर्ट में अपील दाखिल करते हुए आरोप लगाया है कि तिहाड़ जेल के अधिकारी सत्येंद जैन को उनकी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक खाद्य वस्तुएं नहीं दे रहे हैं। यह अपील राउज एवेन्यू कोर्ट में स्पेशल जस्टिस के सामने सोमवार (21 नवंबर) को की गई। यानी अब, भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में कैद AAP नेता जैन को जेल के अंदर मसाज के साथ-साथ धार्मिक भोजन भी चाहिए। 

अदालत में दाखिल की गई अपील में कहा गया है कि सत्येंद्र जैन की जो धार्मिक मान्यताएं हैं, उन धार्मिक विश्वासों के मुताबिक, वे मंदिर जाने में असमर्थ हैं, इसलिए वह उपवास पर हैं और उन्हें पका हुआ भोजन, दाल, अनाज और दूध उत्पाद दिए जाने चाहिए, जो कि जेल के अंदर नहीं मिल रहे हैं। AAP नेता के वकीलों ने कोर्ट से कहा है कि, 'जेल में जैन को शारीरिक कमजोरी का सामना करना पड़ रहा है। उनकी रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट लगी, जिसके लिए उनका LNJP अस्पताल में उपचार किया गया। वकीलों ने बताया कि जैन के फेफड़े में संक्रमण हैं, जो कि कोरोना के बाद के लक्षण हैं।’

28 किलो घट गया सत्येंद्र जैन का वजन :-

रिपोर्ट के अनुसार, सत्येंद्र जैन की ओर से दाखिल की गई अपील में कहा गया है कि बीते 12 दिनों से जेल प्रशासन ने उन्हें उनकी धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, आवश्यक खाद्य पदार्थ, फल-सब्जियां, मिश्रित बीज, सूखे मेवे और खजूर देना बंद कर दिया है। इसके कारण विगत सप्ताह उनका 2 किलो वजन घट गया। वहीं जैन के वकीलों ने कहा है कि गिरफ्तारी के बाद से उनके क्लाइंट का करीब 28 किलो वजन घट गया है। जिसका प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ा है। जैन के वकीलों ने बताया कि जैन के पास एक सम्मानपूर्वक मानव जीवन जीने का पूरा अधिकार है, मगर जेल अधिकारियों द्वारा उनके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।

कोर्ट में जैन के वकीलों ने कहा है कि, 'एक कैदी सजा के बाद भी एक मनुष्य बने रहने से नहीं चूकता। आवेदक मौजूदा वक़्त में एक अंडरट्रायल है और इस प्रकार उसे भूखा नहीं रहने दिया जा सकता है।' बता दें कि आवेदन में दिल्ली जेल नियम 339 और 341 के आधार पर मांग की गई है कि सभी कैदियों को अपने धार्मिक विश्वासों का पालन करने की इजाजत है और उन्हें उसी के मुताबिक आहार दिया जाता है।  मगर, सत्येंद्र जैन के मामले में ऐसा नहीं हो रहा है। इसके साथ ही, नियमों में यह भी कहा गया है कि एक कैदी को चिकित्सा अधिकारियों द्वारा जैसे निर्देश मिले हों, उसके मुताबिक उचित आहार लेने की इजाजत है।

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