भारतवर्ष के उत्तर-प्रदेश राज्य में स्थित इलाहाबाद एक पवित्र और धार्मिक स्थान है. इसे प्रयाग राज भी कहते है . बताया जाता है कि इस स्थान का प्राचीन नाम ‘अग्ग्र’ था जो संस्कृत का एक शब्द है. तथा इसका वास्तविक अर्थ होता है त्याग स्थल, शास्त्रों में वर्णित है कि सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रम्हा जी ने सृष्टि निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद यहाँ पर प्रथम बलिदान दिया था. और मुख्य बात तो यह है कि प्रयाग स्वयं ब्रम्हा जी एवं अनेको ऋषि मुनियों की तपस्या ,जप एवं यज्ञ स्थल रहा है. यह स्थान आज भी बहुत पवित्र है .
इस स्थान में तीन महान नदियों का मिलन होता है. जिसे संगम कहते है . गंगा, यमुना, सरस्वती तीनों का मिलन हुआ है. ये तीनों बड़े ही शान्त भाव और निर्मलता के साथ बहती है. और इनके इस संगम में जो भी भक्त स्नान करते है. तो उनके जन्म-जन्म के पाप क्षीण हो जाते है. सफेद निर्मल जल गंगा जी का, हल्का काला यमुना जी का एवं सरस्वती जी की धारा यहाँ पर विलुप्त है. यह पवित्र स्थान सबसे बड़े महाकुंभ की स्थली मना जाता है. यहाँ पर हर 12 वर्ष के पश्चात महाकुंभ के मेले का आयोजन किया जाता है.
बताया गया है कि यहाँ पहुँचने और स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप कष्ट और जीवन में आई अन्य बाधाएं भी दूर हो जाती है . और वह मानव इस संसार सागर के आवागमन से मुक्त मतलब मोक्ष को प्राप्त करता है. इलाहाबाद में प्रत्येक वर्ष माघ माह में एक माह का माघ मेला लगता है. जिसमें लोग दूर-दूर से आकर कल्पवास करते है.
इस स्थान पर मानव की मृत्यु के पश्चात उसकी अस्थियो का विसर्जन किया जाता है जिससे उस व्यक्ति को सदगति मिलती है . इस पवित्र स्थान इलाहबाद में किला, संगम, अशोक का एतिहासिक स्तम्भ, हनुमान मंदिर, शिव कुटी, भरद्वाज आश्रम, स्वराज भवन, खुसरौ बाग, आनन्द भवन, चन्द्रशेखर आजाद पार्क आदि अन्य दर्शनीय स्थल है.