बॉलीवुड में आए दिन किसी ना किसी फिल्म के बैन होने की खबर तो लगभग हर रोज ही सुनने में आती हैं। कोई ना कोई फिल्म अपने विवादित कंटेंट को लेकर मुसीबतों के घेरे में आ जाती हैं। चाहे सलमान खान के प्रोडक्शन हाउस में बनी फिल्म लवरात्रि की बात करो या संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत की ही। और या फिर कंगना रनौत की फिल्म मणिकर्णिका सभी को लेकर खूब विरोध हुआ है और इन फिल्मों के बैन की भी बात सामने आई है। वैसे फिल्मों के बैन होने की ये प्रक्रिया आज की नहीं बल्कि सालों पुरानी है।
जब फिल्मों में सिर्फ वीडियो ही दिखाया जाता था और ऑडियो नहीं तब से ही फिल्मों के बैन होने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। आज हम आपको भारतीय सिनेमा की ऐसी फिल्म के बारे में बता रहे हैं जो सबसे पहले बैन की गई थी। साल 1921 में आई 'भक्त विदुर' नामक फिल्म को सबसे पहले बैन किया गया था। ये फिल्म भगवान श्री कृष्णा और विदुर की कहानी पर आधारित थी। जब इस फिल्म की पहली झलक सबके सामने लाइ गई थी तो इसमें विदुर का किरदार जो अभिनेता निभा रहा था वो बिलकुल महात्मा गांधी की तरह ही दिखाई दें रहा है।
इस फिल्म में विदुर का किरदार एक्टर द्वारका दास नाना दास संपत ने निभाया था और उन्होंने बिलकुल गांधी जी जैसे ही कपड़े भी पहने थे। ये कपड़े ब्रिटिश सरकार को ठीक नहीं लगे और उन्होंने तुरंत ही इस पर संज्ञान लेते हुए इसे प्रतिबंधित कर दिया था। सरकार का ये मानना था कि ये फिल्म लोगों में उनके प्रति असंतोष पैदा कर सकती हैं। इसलिए सेंसर बोर्ड ने फिल्म को ये कहकर बैन कर दिया था कि "हम जानते हैं कि आप क्या कर रहे हैं। ये विदुर नहीं, गांधीजी हैं। हम इसे रिलीज की अनुमति नहीं दे सकते।"
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