सूरत में बड़े गिरोह का पर्दाफाश, बेच रहा था 'कोरोना' की नकली दवाइयां
सूरत में बड़े गिरोह का पर्दाफाश, बेच रहा था 'कोरोना' की नकली दवाइयां
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अहमदाबाद: कोरोना के मरीजों के लिए इस्तेमाल होने वाले टॉसिलिजुमेब (tocilizumab) जैसे महंगे इंजेक्शन के नाम पर नकली इंजेक्शन बेचने वाले गिरोह का शनिवार पर्दाफाश कर दिया गया है। इसके तार अहमदाबाद से लेकर सूरत तक जुड़े हैं। फूड एंड ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी ने पांच लोगों को अरेस्ट कर लिया है। जो इंजेक्शन पूरे विश्व में सिर्फ स्विट्जरलैंड की कंपनी ही निर्मित करती है, उसी का नकली इंजेक्शन सूरत में सोहेल इस्माइल तारी अपने घर में बना रहा था।

विभाग के कमिश्नर डॉ. एचजी कोशिश ने जानकारी देते हुए बताया कि अहमदाबाद के भुयंगदेव में स्थित संजीवनी अस्पताल में एडमिट कोरोना पेशेंट तलाबेन को डॉ. देवांग शाह ने टॉसिलिजुमेब 400 एमजी इंजेक्शन प्रिस्क्राइब किया था। पेशेंट का रिश्तेदार जेनिक फार्मा से इंजेक्शन के तीन बॉक्स खरीदकर लाया। डॉक्टर को संदेह हुआ तो उन्होंने विभाग में शिकायत की। मरीज के रिश्तेदार से पूछताछ की गई, तो मालूम चला कि इंजेक्शन को साबरमती में स्थित मां फार्मेसी से 1.35 लाख में खरीदा था।

फार्मेसी मालिक ने कहा कि उसने चांदखेड़ा के निवासी हर्ष भरतभाई ठाकोर से 80 हजार में 4 बॉक्स खरीदा है। हर्ष ठाकोर ने इस इंजेक्शन के 4 बॉक्स पालडी के हैपी केमिस्ट एंड प्रोटीन हाउस के मालिक नीलेश लालीवाला से 70 हजार रुपए में ख़रीदे थे। हर्ष ठाकोर ने फोटोशॉप में बॉक्स की डिजाइन को एडिट करके उस पर टॉसिलिजुमेब भी लिख दिया था। पूछताछ में नीलेश ने स्वीकारा कि उसने सूरत के रांदेर में भाणकी स्टेडियम के पास स्थित सनसिटी फ्लैट नं. 102 के सोहेल इस्माइल ताई से खरीदा था। 

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