भूख से बिलख रहे थे बच्चे, लाचार था बाप, जब कुछ नहीं सूझा तो उठाया ये कदम
भूख से बिलख रहे थे बच्चे, लाचार था बाप, जब कुछ नहीं सूझा तो उठाया ये कदम
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ईटानगर: कोरोना महामारी से निपटने के लिए देशभर में लॉकडाउन जारी है. किन्तु इस लॉकडाउन की वजह से मजदूरों को कई तरह की दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. लॉकडाउन के कारण कई मजदूरों को तो रोटी के लिए लंबा सफर तय करना पड़ा. ऐसी ही एक घटना अरुणाचल प्रदेश में सामने आई है, जहां एक कामगार परिवार भोजन के अभाव में छह घंटे का पैदल सफर तय करके असम सरहद पर पहुंचा था.

38 वर्षीय सलमान दारजी अपने दो छोटे बच्चों और बीवी के साथ सुबह ईटानगर से रवाना हुए थे और 5-6 घंटे चलने के बाद असम सीमा पर पहुंचे. सलमान अरुणाचल प्रदेश में मजदूरी कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन के ऐलान के बाद उनके लिए सब कुछ बर्बाद हो गया. सलमान दिहाड़ी मजदूर हैं. लॉकडाउन लागू होते ही परिवार को पैसों की तंगी झेलना पड़ी. सलमान को अपने छोटे बच्चों को खिलाने के लिए अन्न का दाना तक नहीं मिल रहा था.

इतना ही नहीं जिस घर में वह अपने परिवार के साथ रह रहे थे, उसका किराया देने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे और घर का मालिक किराया मांग रहा था और कोई मोहलत नहीं देने को राजी नहीं था. चूंकि सलमान अपने बच्चों को भूख से तड़पते हुए नहीं देख सकते थे, और उनका परिवार सड़कों पर दया की भीख मांग रहा था. इस वजह से उन्हें असम के सीमावर्ती इलाके में स्थित अपने गांव पहुंचने के लिए 7 से 8 घंटे का पैदल सफर तय करके ईटानगर छोड़ना पड़ा.

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