पति की मृत्यु के बाद आखिर महिलाओं को क्यों पहनाई जाती है सफेद साड़ी
पति की मृत्यु के बाद आखिर महिलाओं को क्यों पहनाई जाती है सफेद साड़ी
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हर महिला को सजने संवरने का काफी शौक होता है खासकर उन महिलाओं को जिनकी नई-नई शादी हुई हो। देखा जाए तो महिलाओं का ऐसा सजना संवरना जरूरी भी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जिन महिलाओं के पति की मृत्यु हो जाती है वह महिलाएं सजना-संवरना छोड़ देती हैं। ऐसी महिला रंगीन साड़ी नहीं पहनती हैं। आज हम आपसे एक ऐसे ही विषय पर बात करने वाले हैं. आपने कभी सोंचा है कि आखिर महिला पति के मरने के बाद रंगीन साडी क्यों नही पहनती. तो चलिए आज हम आपको इसके बारे में बताते हैं-

जब किसी स्त्री के पति की मृत्यु हो जाती है तो उसे रंगीन वस्त्र पहनने के लिए मना किया जाता है और वह सफेद वस्त्र पहनकर अपना जीवन व्यतीत करती है. ज्योतिषशास्त्र में भी बताया गया है विधवा स्त्री को सफेद रंग ही पहनाया जाता है। क्योंकि सफेद रंग सर्वाधिक पवित्र और सात्विक रंग है। विधवा स्त्री का पति विहीन जीवन कई संघर्षों से भरा होता है। ऐसे में विधवा स्त्री को ईश्वर की कृपा और सहारे की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।

सफेद रंग का लिबास उसे मनोबल और सात्विकता प्रदान करता है। सफेद रंग उसे जीवन की सभी जिम्मेदारियों और चुनौतियों का सफलता से सामना करने की प्रेरणा देता है। इसी कारण से जब किसी स्त्री के पति की मृत्यु हो जाती है तो उसे सफेद कपड़े पहनने के लिए कहा जाता है।  इस प्रकार से एक विधवा महिला के लिए जरूरी होता है सफेद साड़ी का पहनना। 

 

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