13 फरवरी को ही शिवरात्रि मनाना क्यों है शुभ
13 फरवरी को ही शिवरात्रि मनाना क्यों है शुभ
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इस साल शिवरात्रि 13 या 14 फरवरी को मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति है.इससे शिव भक्त दुविधा में हैं कि आखिर महाशिवरात्रि किस दिन मनाएं .इस बारे में चंडीगढ़ के सेक्टर-30 के श्री महाकाली मंदिर स्थित भृगु ज्योतिष केंद्र के प्रमुख बीरेंद्र नारायण मिश्र ने बताया कि मंगलवार की रात 10 बजकर 35 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का शुभागमन होगा 14 फरवरी की रात 12 बजकर 46 मिनट तक चतुर्दशी रहेगी .इसलिए 13 फरवरी को ही शिवरात्रि मनाई जानी चाहिए .

इसके पीछे पंडित मिश्र ने यह तर्क दिया कि शिवरात्रि में चतुर्दशी रात्रि को यदि अष्टम मुहूर्त में आ जाती है, तो शिवरात्रि का व्रत उसी तिथि में होता है. 13 फरवरी की रात 11 बजकर 46 मिनट से अष्टम मुहूर्त प्रारंभ होगा, जो पूरी रात रहेगा. 14 फरवरी को रात 12 बजकर 46 मिनट के बाद अष्टम मुहूर्त मिलता है इसलिए महाशिवरात्रि का पर्व 13 फरवरी को ही मनाना उचित है .

यूँ तो पूरे देश में महाशिवरात्रि धूम धाम से मनाई जाती है . विधि विधान से पूजन किया जाता है . इस बारे में सेक्टर-30 के शिव शक्ति मंदिर के पुजारी पंडित श्याम सुंदर शास्त्री ने बताया कि महाशिवरात्रि पर शिवालयों में चार प्रहर की पूजा होगी. 13 फरवरी को शाम छह बजकर पांच मिनट पर प्रथम पूजा होगी.रात नौ बजकर 30 मिनट के बाद दूसरी पूजा, रात करीब एक बजे से तीसरी और सुबह चार बजे से चौथी चार प्रहर की पूजा होगी. इससे यह खुलासा हो गया कि महा शिवरात्रि का पर्व 13 फरवरी को ही मनाना उचित है.

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