आदिकाल से ही आखिर क्यों बोलते आ रहे हैं राम-राम?
आदिकाल से ही आखिर क्यों बोलते आ रहे हैं राम-राम?
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आमतौर पर जब भी हम किसी से मिलते हैं तो उससे मिलने के लिए राम-राम बोलते हैं। जिसका हमें इसी शब्द में रिप्लाई मिलता है राम-राम। लेकिन कभी आपने इस बात पर ध्यान दिया है कि हम सभी एक ही नाम दो बार क्यों बोलते है? यहां पर हमारे कहने का मतलब यह है हम राम, राम दो बार क्यों बोलते हैं? हालांकि आज से ही नहीं बल्कि आदिकाल से यह शब्द बोला जा रहा है जिसके बारे में शायद ही किसी ने कभी सोचा होगा। अगर अब आपके भी मन मे कुछ ऐसा सवाल पैदा हो रहा है तो यहां पर आज हम आपके इसी सवाल का जवाब देने वाले है तो चलिए जानते है कि आखिर राम राम दो बार कहा जाता है। 

दरअसल दो बार "राम राम" बोलने के पीछे बड़ा गूढ़ रहस्य है क्योंकि यह आदि काल से ही चला आ रहा है हिन्दी की शब्दावली में "र" सत्ताइस्व्वां शब्द है, "आ" की मात्रा दूसरा और "म" पच्चीसवां शब्द है. अब तीनो अंको का योग करें तो 27 + 2 + 25 = 54, अर्थात एक “राम” का योग 54 हुआ. इसी प्रकार दो "राम राम" का कुल योग 108 होगा। हम जब कोई जाप करते हैं तो 108 मनके की माला गिनकर करते हैं। सिर्फ "राम राम" कह देने से ही पूरी माला का जाप हो जाता है।

 

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