बचपन में देखे गए अपने सपने से क्यों दूर हो जाते है युवा
बचपन में देखे गए अपने सपने से क्यों दूर हो जाते है युवा
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नई दिल्ली: जैसे ही दुनिया में अपने नन्हे कदम लेकर बच्चा जन्म देता है, उसके माता पिता उससे कई सारी उम्मीदे लगा लेते है, वही जब बच्चा स्कूल में जैसे ही पहुँचता है, तो उसे स्कूल में टीचर, इंजीनियर और डॉक्टर की इतनी सारी गुणवक्ता के बारे में बताया जाता है की बच्चा इन तीनो चीजों में से किसी एक में ही अपना भविष्य ढूंढने लग जाता है. 

क्या अपने कभी ऐसा सोचा है कि बच्चा बचपन में ही टीचर, डॉक्टर और इंजीनियर बनने के बारे में सोचते हुए बड़ा होता है लेकिन बड़े होते होते वह इसने दूर क्यों हो जाता है. दरअसल ऐसा तब होता है जब बच्चा बड़े होते होते वास्तिवकता से रूबरू होता और वह जिन तीन चीजों में अपना भविष्य बनना चाहता था उनसे दूर हो जाता है और किसी दूसरे क्षेत्र में अपना भविष्य ढूंढने लग जाता है 

यही वजह है कि युवाओ को अपना भविष्य बनाने में अधिक समय लग जाता है, और तब भी  युवा सेटल नहीं हो पते तो डिप्रेशन का शिकार हो जाता है.    
 

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