नई दिल्ली : सरकार ने जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों के खिलाफ अगला बड़ा कदम उठाते हुए बैंकों से ऐसे कर्जदारों के नाम और तस्वीर अखबारों में प्रकाशित कराने को कहा गया है.वित्त मंत्राालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को पत्र लिखकर ऐसे सक्षम चूककर्ताओं की तस्वीर प्रकाशित कराने को लेकर निदेशक मंडल की मंजूरी लेने के निर्देश दिए गए हैं.
इस बारे में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वित्त मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि कर्ज देने वाले संस्थान अपने निदेशक मंडल की मंजूरी से नीति तैयार करेंगे. इसमें जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वालों की तस्वीर प्रकाशित कराने को लेकर मानदंड बिल्कुल स्पष्ट होंगे.बता दें कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए गए कर्ज को जानबूझकर नहीं चुकाने वालों की संख्या दिसंबर 2017 में बढ़कर 9,063 हो गई.
इस मामले में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने लोकसभा में सवालों के लिखित जवाब में कहा कि ऐसे मामलों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की फंसी राशि 1,10,050 करोड़ रुपये है.इसलिए ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करते हुए सरकार ने बैंकों को उन कर्जदारों का पासपोर्ट ब्योरा लेने को कहा जिनके ऊपर 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक बकाया है.वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 50 करोड़ रुपये से अधिक के सभी फंसे कर्ज( एनपीए) वाले खातों की जांच करने तथा उसके अनुसार सीबीआई को रिपोर्ट करने को कहा है
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