प्रकृति का ये नियम जो समझ गया वो सफल हो गया
प्रकृति का ये नियम जो समझ गया वो सफल हो गया
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व्यक्ति का जो वर्तमान है वह कल भूत होगा और भविष्य आने वाले वर्तमान में परिवर्तित होगा इस दशा को लेकर हर पल व्यक्ति का जीवन परिवर्तित सा होता चला जा रहा है .यह सब प्रकृति के नियमा अनुसार होता है .इसी के चलते हम आपको इस कहानी के माध्यम से समय के इस परिवर्तन से अवगत कराते है  एक आश्रम में एक बौद्ध धर्मगुरु रहते थे वहीं वे सारे नियम, ध्यान, संयम ,आदि करते थे बहुत से लोग दूर दूर से उनके दर्शन के लिए आश्रम में आते थे। धर्मगुरु बड़ी ही प्रसन्नता के साथ सबसे मिलते-बात करते और उनकी समस्याओं का समाधान करते। धर्म गुरु के आश्रम में प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं की भीड़ लगती थी.

एक बार एक बहुत ही गरीब राहगीर एक गाँव से गुजर रहा था उसी समय उनसे इस संत की प्रशंसा व संत की अनेको अच्छाई को सुनकर बहुत ही प्रभावित हुआ। और वह भी स्वामी जी के दर्शन के लिए आश्रम पहुंचा। उसने उन्हें प्रणाम किया और उसने संत से एक समस्या का निराकरण पूंछा । स्वामीजी ने उसे उस समस्या का निराकरण बताया। जब वह व्यक्ति घर पंहुचा तो उसके मन में कई तरह की शंकाएं उत्पन्न होने लगीं. उसका मन यहाँ - वहां भटकने लगा उसके मन में आई शंकाओं के निवारण के लिए वह व्यक्ति फिर से दूसरे दिन उन्हीं स्वामीजी के पास पहुंचा.

इस बार भी स्वामीजी ने शांत भाव से उस व्यक्ति को एक समाधान बताया। अब वह व्यक्ति भी हैरान सा हो गया की कल तो कुछ और बताया समस्या का निराकरणम, आज कुछ और ये सब क्या है? आज तो बिल्कुल विपरीत बता रहे है । इस बात को लेकर वह व्यक्ति संत पर बहुत क्रोधित हुआ। और कहने लगा की स्वामी जी कल तो आप कुछ और ही उपाय बता रहे थे पर आज कुछ और बता रहे है ये सब क्या है? मुझे तो लगता है आप लोगों को बेवकूफ बनाते हैं. पर संत को उसकी बात का जरा सा भी बुरा न लगा वे शांत भाव से मुस्कुराए और कहने लगे कि, 'जो मैं कल था आज मैं वह नहीं हूं। कल वाला मैं तो कल के साथ ही समाप्त हो गया, आज मै आज का नया व्यक्ति हूं. 

कहने का आशय यह है की आप भूत के बारे में पश्चाताप न करें और न ही भविष्य की कोई चिंता करें बस आपको चाहिए की आप वर्तमान में अपनी पकड़ बनाकर रखे यदि आपने अपने वर्तमान में बजबूती बना ली तो भूत और भविष्य का कोई सम्बन्ध न रह पायेगा कल परिस्थितियां कुछ ओर थीं। आज कुछ और हैं। एक बार निकला समय दोबारा वापस नहीं आता इसलिए यदि आपको भविष्य को उज्वल बनाना है, भूत का पश्चाताप मिटाना है. तो वर्तमान पर अपनी मजबूती बनाओ.

 

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