हिन्दू धर्म में बहुत से ऐसे रिती रिवाज है जो आज से नहीं बल्कि आदिकाल से मनाते आ रहे है और उसी के अनुसार व्यक्ति के जीवन में कुछ समय ऐसा आता है जब उसे कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. जिसमें व्यक्ति को इन नक्षत्र के अंतर्गत घनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र का मानना है की जिस समय चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में रहता है उस समय को पंचक कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक में कुछ ऐसे विशेष कार्य होते है जो व्यक्ति को नहीं करना चाहिए. यदि कोई पंचक बुधवार या गुरूवार को प्रारंभ होता है तो इसमें इन पांच कार्यों को छोड़कर कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. आइये जानते है की पंचक लगने पर व्यक्ति को कौन से पांच कार्य नहीं करना चाहिए.
1. जब पंचक चल रहा होता है तो व्यक्ति को चारपाई नहीं बनवाना चाहिए. यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके जीवन में कोई बड़े संकट आने की सम्भावना होती है.
2. यदि पंचक घनिष्ठा नक्षत्र में लगा होता है तो इस समय में व्यक्ति को घास, लकड़ी, आदि ज्वलनशील वस्तुएं इकट्ठी नहीं करना चाहिए. इससे आग लगने की संभावना अधिक होती है.
3. पंचक के समय किसी भी व्यक्ति को दक्षिण दिशा की कोई यात्रा नहीं करना चाहिए. क्योंकि इस दिशा में मृत्यु के देवता यम का निवास माना जाता है इस कारण से इस दिशा में यात्रा करनाशुभ नहीं माना जाता है.
4. यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक में होती है तो उस व्यक्ति के अंतिम संस्कार के पूर्व किसी योग्य पंडित से सलाह लेना आवश्यक होता है. यदि उस समय ऐसा संभव न हो सके तो आटे के पांच पुतले बनाकर उसे शव के साथ रखकर उनका भी विधि पूर्वक अंतिम संस्कार करना चाहिए.
5. यदि पंचक रेवती नक्षत्र में लगा है तो उस समय व्यक्ति को अपने घर की छत का निर्माण नही करवाना चाहिए. ऐसा करने पर व्यक्ति को धन सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
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