अपने भ्रमण के समया यहां रुके थे भगवान शिव और माता दुर्गा
अपने भ्रमण के समया यहां रुके थे भगवान शिव और माता दुर्गा
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भारत में बहुत से मंदिर है लेकिन अजमेर बायपास एक्सप्रेस हाइवे पर पूठ का बास व बीलपुर की सीमा पर स्थित सेवड़ माता का मंदिर लोगों में आस्था का मुख्य केंद्र है इस मंदिर के विषय में कई लोक कथाएं प्रचलित है, आइये जानते है इस मंदिर से जुड़ी ऐसी एक रोचक कथा के बारे में. एक बार की बात है जब माता दुर्गा व भगवान शिव अपने मनोरंजन के लिए पृथ्वी भ्रमण कर रहे थे तब माता दुर्गा ने भगवान शिव से कहा कि जिस स्थान पर मेरे रथ के पहिए द्वारा पानी निकलेगा में उसी स्थान पर विराजमान हो जाउंगी तथा भगवान शिव ने कहा कि जिस स्थान पर नंदी के पैरों से पानी निकलेगा में उस स्थान पर आराम करूंगा.

दोनों ही अपने मार्ग में आगे बढ़ रहे थे तभी सेवड़ माता के रथ से एक स्थान पर पानी की उत्पत्ति हुई जिसे बीलपुर व बास ग्राम के रूप में जाना जाता है इसी स्थान पर अपने कहे अनुसार माता विराजमान हो गई तथा भगवान शिव आगे निकल गए तब एक स्थान पर नंदी के पैरों से भी जल की उत्पत्ति हुई जिसे टोडा मीणा ग्राम के नाम से जाना जाता है उसी स्थान पर भगवान शिव ने विश्राम किया जहां आज टोडेश्वर महादेव का प्रसिद्ध मंदिर स्थापित है.

कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण साथल व बीला खोड़ा नामक ग्रामीण ने किया था तभी से इसी गोत्र के वंशज इस मंदिर में माता की सेवा करते है और इस गांव का नाम भी इनके पूर्वज बीला मीणा के नाम से ही बीलपुर रखा गया है. 

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