मानव जीवन सवालों कि गुत्थी से बंधा हुआ है हर पल मानव मस्तिष्क मे कोई न कोई सवाल घूमता ही रहता है। एक ऐसा ही सवाल के बारे में आज हम आपसे चर्चा करने वाले हैं जो एक समय पर हर महिला और उससे जुड़े लोगो के मन में आता है, दरअसल हम आज जिस सवाल कि बात कर रहे है वह कुछ और नहीं बल्कि गर्भवस्था के दौरान आने वाला सवाल है और वह यह है कि होने वाला बच्चा लड़का है या लड़की अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोच रहे है तो यहां पर आज हम आपसे कुछ इसी सिलसिले मे चर्चा करने वाले हैं यहां पर हम आपको ऐसी दो आसान विधि के बारे में बतायेंगे जिसे करने के बाद आप का यह सवाल भी दूर हो जाएगा और आप यह पता कर सकते हैं कि पेट में पल रहा बच्चा लड़का है या लड़की, तो चलिए देखते हैं कौन सी वह दो विधि हैं जिससे आप होने वाले बच्चे को पहचान सकते हैं।
चीनी विधा:- चीनी मान्यता के आधार पर यह माना जाता है कि समान उम्र की महिलाएं जब समान माह में गर्भ धारण करती हैं तो ये बहुत हद तक संभव है कि उनके होने वाले बच्चे भी समान लिंग के ही हों। उदाहरण के तौर पर, चीनी कैलेंडर के आधार पर अगर 21 साल की कोई स्त्री जनवरी माह में गर्भधारण करती है तो यह संभावना प्रबल है कि वह एक पुत्र को ही जन्म दे।
भारतीय मान्यताऐ:- सामान्यतौर पर यदि गर्भवती स्त्री अगर ज्यादा खट्टा खाती है तो वह लड़के को ही जन्म देती है। इसके अलावा अगर गर्भावस्था के दौरान उसके चेहरे पर जरा भी चमक नहीं है, उसके गालों का गुलाबीपन खोने लगा है तो यह गर्भ में पल रहे लड़के की ही निशानी है।
अगर शरीर के बाकी हिस्से पर कोई फर्क ना पड़े और सिर्फ पेट ही बाहर निकले तो यह इस बात का लक्षण है कि गर्भ में लड़का है। अगर गर्भवती स्त्री लड़के को जन्म देने वाली होती है तो उसका वजन अपेक्षाकृत कम ही बढ़ता है।
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