नई दिल्लीः देश मेें सुप्रीम कोर्ट का न्याय पूरे देश में ही मान्य होता है और इसका शायद ही कोई विरोध कर पाता हो। जानकारी के अनुसार बता दें कि सुप्रीम कोर्ट अब जजमेंट को अंग्रेजी से हिंदी भाषा दोनों में ही ट्रांसलेट करेगा। आमतौर पर देखा जाता है कि कोर्ट के ज्यादातर मामलों में फैसले अंग्रेजी भाषा में ही आते हैं। जिसे आम आदमी समझ नहीं पाता है। वहीं कोर्ट ने अब अपने द्वारा दिए जाने वाले फैसलों को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही जारी करने का फैसला लिया है।
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सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने कहा कि हम इस पर भी काम कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के बड़े बड़े फैसलों को कैसे संक्षिप्त करके लोगों तक पहुंचाया जा सके। इसके अलावा कोर्ट अब इसके बाद इसे क्षेत्रीय भाषाओं में भी करने की कोशिश कर रही है। वहीं शुक्रवार को न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि विभिन्न राज्यों के कोर्ट में आने वाले अंग्रेजी भाषा के फैसले आम लोगों की समझ में नहीं आते हैं और ऐसी स्थिति में लोगों को सुप्रीम कोर्ट का भी फैसला समझ में नहीें आता है।
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गौरतलब है कि कोर्ट के आदेश के बाद अब सभी मामलों में फैसले हिंदी में भी आएंगे जिससे लोगों को उन्हें पढ़ने में काफी सहूलियत होगी। वहीं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने बताया कि फैसलों के हिंदी में अनुवाद किए जाने पर विचार हो रहा है और इसके अलावा प्रादेशिक भाषा में भी फैसले का अनुवाद किए जाने पर विचार हो रहा है।
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