News Track Exclusive : साईं मंदिर बने राम मंदिर के लिए चुनौती
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न्यूज़ ट्रैक Exclusive : शंकराचार्य की बेबाकी थमने का नाम नही ले रही है अपने बेबाक बोल से हमेशा सुर्ख़ियो में रहने वाले शंकराचार्य ने एक बार फिर साईं पर हमला बोला है. न्यूज़ ट्रैक से हुए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं पर निशाना साधते हुए कहा कि- वह (साईं) अल्लाह और मालिक का नाम लेने वाला हिन्दू धर्म का नही था. साईं लोगो के मुंह में जबरन मांस ठूंसता था. इतना ही नही धुनि में लघु शंका और शौच करने वाला साईं कहता था कि गंगा-जमना उसके चरणो में पवित्र होती थी.

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राम मंदिर के लिए चुनौती है साईं -

राम मंदिर निर्माण पर चिंता जाहिर करते हुए शंकराचार्य ने साईं को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, साईं आम इंसान था जिसे लोग भगवान बना रहे है. ऐसे लोगो को हम भगवान नही मान सकते. अब साईं पुराण बनने लगा है और साईं का नाम हर मंत्र से जोड़ा जा रहा है. लोग जगह-जगह साईं के मंदिर स्थापित कर रहे है, अगर यही चलता रहा तो एक दिन दुनियाभर में साईं के मंदिर बन जाएंगे फिर राम मंदिर कैसे बनेगा.

साईं कि कब्र को बना दिया मंदिर-

शंकराचार्य ने साईं मंदिर कि उत्पत्ति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, 1838 में जन्मे साईं का 1918 में देहांत हो गया था. साईं से हमारी व्यक्तिगत लड़ाई नही है. लेकिन उसके देहांत के बाद लोगो ने पैसे कमाने के चक्कर में उसकी कब्र के ऊपर साईं का मंदिर बनाकर रोजगार का साधन बना लिया जो कि उचित नही है. यह सिर्फ पैसे कमाने का साधन है. इतना ही नही साईं का मंदिर बनाने के लिए संस्था द्वारा पांच-पांच लाख रुपए देखर हिन्दू मंदिरो में साईं कि मुर्तिया स्थापित कि जा रही है. दावा करते हुए शंकरचार्य ने कहा कि इस बात का उनके पास प्रमाण भी है और जिन लोगो ने पैसे लिए वह खुद कहते है कि उन्हें पैसे मिले है.

अरबो कि सम्पति, लेकिन सार्वजानिक उपयोग नही-

स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं कि सम्पत्ति पर निशाना साधते हुए कहा कि, साईं ट्रस्ट के पास करीब 13 अरब कि संपत्ति है जिसका उपयोग जगह-जगह साईं मंदिर बनाने के लिए किया जा रहा है लेकिन सार्वजानिक काम में नही. शंकराचार्य ने महाराष्ट्र के लातूर जिले का हवाला देते हुए कहा कि वहा पानी की भारी किल्लत मची हुई है. वहा के लोग और महिलाए ट्रैन रुकने पर ट्रैन के शैचालय (टॉयलेट) का पानी पीते है लेकिन वहां साईं ट्रस्ट द्वारा पैसो को खर्च नही किया जा रहा है सिवाए साईं मूर्ति स्थापित करने के. शंकराचार्य ने सवालिया लहजे में कहा कि, लोग कहते है साईं के दर्शन मात्र से ही सारी परेशानी दूर हो जाती है तो फिर वहां लोग बाथरूम का पानी पीने पर क्यों मजबूर है?

 

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