शास्त्रीय संगीत को एक अलग मुकाम दिया शाहिद ने
शास्त्रीय संगीत को एक अलग मुकाम दिया शाहिद ने
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भारतीय संगीत की दुनिया मेें शास्त्रीय संगीत का बहुत महत्व है और उस्ताद शाहिद परवेज खान शास्त्रीय संगीत के लिए ही प्रसिद्ध हैं। उस्ताद शाहिद परवेज का जन्म 14 अक्टूबर 1958 को मुंबई में हुआ था, वे इमादखानी घराना से एक भारतीय शास्त्रीय सितार वादक हैं, उनकी विशेष रूप से रागा सुधारों के मुखर वाक्यांश के लिए प्रशंसा की जाती है, शास्त्रीय संगीत में विख्यात हुए शाहिद परवेज को उनके चाचा हफीज खान से एक गायक और सितार का प्रशिक्षण मिला था और फिर इसके बाद उन्होने दिल्ली घराना के मुन्नू खान से कई वर्षों तक तबला में प्रशिक्षण प्राप्त किया। 

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शाहिद परवेज के परिवार में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत में इमादद खान, अनायत खान, वाहिद खान और विलायत खान सहित कई वाद्य वादक हुए हैं। शाहिद परवेज ने अपने करियर की शुरूआत करते हुए भारत, यूरोप, यूएसएसआर, कनाडा, अफ्रीका, मध्य-पूर्व और ऑस्ट्रेलिया में आयोजित भारत के त्यौहार सहित भारत के सभी प्रमुख संगीत समारोहों में और विदेशों में प्रदर्शन किया है। शाहिद परवेज ने अपने कार्य से कई पुरूस्कार प्राप्त किए हैं।  

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भारतीय शास्त्रीय संगीत में सितार वादक के रूप में अपनी छवि बनाए शाहिद ने 1965 से कार्य करना शुरू किया जो वर्तमान समय में भी जारी है, इसके अलावा उनके संगीत की मधुर तान से लोगों के मन में एक अलग ​ही आनंद की अनुभूति होती है जिससे सभी मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। 

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