सपा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बीजेपी जैसी साम्प्रदायिक पार्टी को अगर इतने बड़े पैमाने पर 325 सीटें मिली हैं, तो इसमें ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी ही जिम्मेदार हैं। उन्होंने बताया कि बैलट पेपर से एक ट्रेंड मालूम होता है, जिसमें सपा को 60 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिल रहे हैं।
कर्मचारी व अन्य व्यक्ति जो बैलट पेपर से वोट करता है, उसमें हरदोई की सवायदपुर में बैलट पेपर से मिले वोटों में सपा को 381, बसपा को 260, बीजेपी को 182, हरदोई प्राॅपर में सपा 858, बसपा 715, बीजेपी 370, बिलग्राम में भी यही स्थिति है। वहीं, सांडी में कांग्रेस 400, बीएसपी 243 और बीजेपी 150 रही है।
अब इन बैलट पेपर वोटरों को गिनें तो पूरी तरह से सपा पूर्ण बहुमत से भी आगे जा रही है। अभी तो ये कुछ ही सीटें हैं, हमने पूरे प्रदेश से बैलट पेपर वोटों को मंगाया है। हम उसपर समीक्षा करने के बाद पूरे सबूतों और समीक्षा के साथ सुप्रीम कोर्ट जांएगे।
ईवीएम मशीन में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के जज की अध्यक्षता में इसकी जांच हो, उसके लिए अपनी बात कोर्ट में रखेंगे। बताया जा रहा है EVM में टाइमिंग साफ्टवेयर का प्रयोग हुआ है जो निर्धारित टाईम पर बीजेपी के पक्ष में अधिकतर वोट सेव करने लगती है।
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