रूस में 18 मार्च को राष्ट्रपति के चुनाव होने वाले है. हर 6 साल में होने वाले इन चुनावों में सभी पार्टियों ने अपने उम्मीदवार उतारे है लेकिन फिर भी चौथी बार यहाँ से व्लादिमीर पुतिन ही राष्ट्रपति बनते दिखाई दे रहे है. बता दें रूस की आबादी लगभग 14 करोड़ है इनमे वोटरों की संख्या 11 करोड़ है. रूस के नियम अनुसार राष्ट्रपति बनने के लिए 50 प्रतिशत वोट जरुरी है अन्यथा तीन हफ़्तों बाद 8 अप्रेल को फिर से चुनाव होंगे.
रसियन मीडिया के अनुसार जो चुनावी पोल सामने आए है उसमे चौकाने वाले परिणाम के तहत 70 प्रतिशत जनता पुतिन को फिर से राष्ट्रपति बनते देखना चाहती है, वहीं 30 प्रतिशत पुतिन की नीतियों की विरोधी है. रूस में मुख्य रूप से यूनाइटेड रसिया, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ रसिया, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ रसिया आदि है. पुतिन राइट विंग के समर्थन में होते हालाँकि इस बार वो निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले है.
बता दें, मौजूदा राष्ट्रपति पुतिन, इससे पहले तक राइट विंग सपोर्टर यूनाइटेड रसियन के सदस्य थे हालाँकि इस बार का चुनाव वो बिना किसी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय लड़ना चाहते है. रिपोर्ट्स का मानना है कि पुतिन अपनी शक्तियों को और बढ़ाना चाहते है. पुतिन के रहते रूस, चीन और पाकिस्तान से करीब आ रहा है, ऐसे में यह भारत के लिए अच्छी खबर नहीं है.
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