रिलायंस ने केजी बेसिन से गैस निकासी की लागत हमेशा बढ़ाकर बताई
रिलायंस ने केजी बेसिन से गैस निकासी की लागत हमेशा बढ़ाकर बताई
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नई दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कृष्णा-गोदावरी बेसिन से गैस निकासी पर आने वाली लागत को लगातार बढ़ा कर बताया, जो एक अरब डॉलर बैठता है, जबकि सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी थी. यह खुलासा हुआ है देश के सरकारी लेखाकार की रिपोर्ट से. भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 'पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने मई 2012 में सलाह दी थी कि संचालक को अतिरिक्त क्षमता की कुल लागत वसूलने का अधिकार नहीं है, जो वर्ष 2011-12 तक 100.50 करोड़ डॉलर (6,043 करोड़ रुपये) बैठती है.

मंगलवार को जारी ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि 'मंत्रालय के निर्देश के बावजूद संचालक 2012-13 और 2013-14 की निकासी लागत में इस राशि को लगातार जोड़ता गया.' रिपोर्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज के जवाब भी शामिल हैं. रिपोर्ट के अनुसार 'संचालक रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जवाब में (अगस्त 2015) कहा कि यह मुद्दा मध्यस्थता की प्रक्रिया में है और इसलिए न्यायाधीन है. संचालक ने मध्यस्थता में शामिल दूसरे पक्ष के संभावित किसी नुकसान से बचने के लिए इस विषय पर अपनी टिप्पणी देने से मना कर दिया.

रिपोर्ट में एक स्वतंत्र विशेषज्ञ डीगोलयर एंड मैक्नॉटन द्वारा किए गए एक आंकलन को भी संज्ञान में लिया गया है, जिसमें संकेत किया गया है कि सरकारी स्वामित्व वाले तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) द्वारा संचालित बगल के गैस ब्लॉक से भी कुछ गैस रिलायंस इंडस्ट्रीज को आवंटित गैस ब्लॉक में लाई गई.

बता दें कि डीगोलयर एंड मैक्नॉटन की यह रिपोर्ट इस समय एक सदस्यीय समिति न्यायमूर्ति ए.पी. शाह के समक्ष विचाराधीन है. समीक्षा के बाद वह इस पर अपनी सिफारिश सौंपेंगे.

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