इराक में मारे गए 39 भारतीयों में बिहार के सिवान पहुंचाए गए सुनील कुमार कुशवाहा और अदालत सिंह के परिवार वालों ने उनके अवशेष लेने से इंकार कर दिए. इन दोनों मृतकों के परिजनों का कहना है कि बिहार सरकार ने मृतकों के परिवार वालों को पांच पाच लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है, जो नाकाफी है. सुनील कुशवाहा की पत्नी पूनम देवी ने कहा कि उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं, जिनकी उम्र क्रमशः छह साल और आठ साल है. पति के मौत के बाद उन्हें परिवार चलाने में काफी दिक्कत हो रही है. इसी वजह से उन्होंने मांग की कि जब तक उन्हें नौकरी नहीं मिल जाती है, तब तक वह अपने पति के अवशेष को स्वीकार नहीं करेंगी. वहीं, दूसरी तरफ अदालत सिंह के परिजनों ने भी उनके अवशेष लेने से इंकार कर दिया और मांग की कि जिस तरीके से पंजाब सरकार ने वहां के मृतकों के परिवार वालों को मुआवजे के अलावा सरकारी नौकरी का एलान किया है, उसी तरीके से बिहार सरकार को अभी मृतकों के परिवार वालों को नौकरी देनी चाहिए.
वहीं, एक शव के अवशेष के डीएनए मैच किए जा रहे है. डीएनए मैच होने के बाद ही राजू यादव के अवशेष को वापस लाया जाएगा. इराक में मारे गए भारतीयों के परिजनों ने शवों के ताबूत न खोलने के आदेश के बाद केंद्र सरकार पर सवाल दागा है. उन्होंने आशंका उठाई कि वो इस बात पर कैसे यकीन करें कि ये शव उनके अपने लोगों के ही हैं? इराक में मारे गए भारतीयों के परिजनों को मुआवजा देने को लेकर विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के बयान पर भी विवाद हो गया है.दरअसल, मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने के सवाल पर केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने कहा, ''ये बिस्कुट बांटने वाला काम नहीं है. ये आदमियों की जिंदगी का सवाल है. आ गई बात समझ में? मैं अभी ऐलान कहां से करूं? जेब में कोई पिटारा थोड़ी रखा हुआ है.''
मालूम हो कि इराक में मारे गए 39 भारतीयों में से 38 के शव के अवशेष सोमवार को विशेष विमान से भारत वापस लाए गए और उन्हें उनके रिश्तेदारों को सौंप दिया गया. इन अवशेषों को लाने के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह खुद इराक गए थे. इसके बाद उन्होंने अवशेषों को मृतकों के परिजनों तक पहुंचाया. इराक में खूंखार आतंकी संगठन आईएस द्वारा मारे गए 39 भारतीयों में से 27 पंजाब, चार हिमाचल, छह बिहार और दो पश्चिम बंगाल से थे.
39 शव: सरकार के इस फरमान से परिजनों को फिर हुआ शक
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39 में से 38 शव भारत पहुंचे, एक क्यों नहीं आया ?