बिना इस मन्त्र उच्चारण के अधूरा होता है राखी का बंधन
बिना इस मन्त्र उच्चारण के अधूरा होता है राखी का बंधन
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आप सभी को बता दें की 7 अगस्त 2017 को राखी है। इस दिन भाई बहन के पवित्र रिश्ते को एक रेशम की डोर से बाँध दिया जाता है। राखी के दिन बहन अपने प्यार को रेशम की डोर में सजाकर भाई की कलाई में सजा देती है और उसकी लम्बी आयु की कामना करती है। इसके बदले भाई बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है। इस दिनों को भाई बहन के लिए काफी महत्वपूर्ण बताया जाता है। आपको बता दें इस बार राखी बाँधने का मुहूर्त सुबह 11.07 बजे से दोपहर 1.50 बजे तक का है।

जिसमे बहनो को अपने भाइयों को राखी बांधनी है। ऐसे में राखी बाँधने की विधि तो सभी बहनो को ज्ञात है लेकिन इसे बांधते समय कसी मन्त्र का उच्चारण करना है यह बहुत ही कम बनो को पता है जो आज हम आपको बता देते है। जी जब राखी भाई की कलाई में बाँधी जाती है तब येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः। तेन त्वां प्रतिबध्नामि, रक्षे! मा चल! मा चल!’ मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए यह बहुत ही शुभ माना जाता है।

इस रक्षा बंधन अपने भाई को बंधे वैदिक राखी

रक्षाबंधन का त्यौहार मनाने के लिए यह समय बड़ा ही उत्तम माना जा रहा है

इस तरह भाई और बहन तैयार हो सकते है राखी बांधने के लिए

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