नई दिल्ली : हाल ही में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के द्वारा बैंकिंग लाइसेंस को लेकर ऑन टेप यूनिवर्सल बैंकिंग लाइसेंस के लिए ड्रॉफ्ट गाइडलाइंस जारी की है. इस गाइडलाइंस के अनुसार बैंकिंग लाइसेंस लेने के लिए आप कभी भी अर्जी दे सकते है. साथ ही यह भी बता दे कि अब बैंकिंग लाइसेंस के लिए नॉन ऑपरेटिव होल्डिंग कंपनी बनाना भी जरूरी नहीं रहने वाला है.
इसके तहत ही यह बात भी सामने आ रही है कि बड़े कॉरपोरेट हाउस को बैंक लाइसेंस नहीं दिया जायेगा. लेकिन इसके साथ यहा कहा जा रहा है कि बड़े कॉरपोरेट हाउस बैंक में 10 फीसदी तक इन्वेस्टमेंट को अंजाम दे सकेंगे. इसके अलावा बता दे कि ऐसे एनबीएफसी जो 10 साल से कार्यरत है यह लाइसेंस प्राप्त कर सकेंगे. साथ ही फाइनेंस सेक्टर में 10 वर्ष का अनुभव रखने वाले भी यह लाइसेंस ले सकेंगे.
लेकिन कहा जा रहा है कि लाइसेंस मिलने के बाद बैंक को 6 वर्ष के भीतर ही बाजार में लिस्ट कराना जरुरी है. बता दे कि गाइडलाइंस के अनुसार नए बैंकों का न्यूनतम कैपिटल 500 करोड़ रुपये रखा गया है. इसके साथ ही बैंक में प्रोमोटर्स की हिस्सेदारी 40 फीसदी होना जरूरी रहेगी. यह भी बता दे कि प्रोमोटर्स बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 5 वर्ष तक किसी को नहीं बेच सकते है. साथ ही इसके बाद 12 वर्ष में प्रोमोटर्स को हिस्सेदारी को कम करके 15 फीसदी करना जरुरी रहने वाला है.