नई दिल्ली - एक रिपोर्ट में हुए खुलासे के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले तीन महीनों के भीतर मुख्य नीतिगत दरों (रेपो रेट) में कटौती कर सकता है. रिपोर्ट के अनुसार सितंबर-दिसंबर की अवधि के दौरान महंगाई दर 5 फीसदी से नीचे आने की संभावना है.
वित्तीय सेवाएं देने वाली वैश्विक कंपनी डीबीएस के अनुसार मुद्रास्फीति में नरमी के संकेतों ने कैलेंडर वर्ष की चौथी तिमाही में रेट कट की संभावना तेज कर दी है. डीबीएस के अनुसार इस बात की संभावना है कि अगले कुछ महीनों में थोक मूल्य सूचकांक खुदरा महंगाई से आगे निकल सकता है डीबीएस ने अपनी रिपोर्ट में यह कहा कि आने वाले दिनों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व भी ब्याज दरें बढ़ा सकता है. ऐसे में संतुलन बनाना जरूरी है.
उल्लेखनीय है कि आरबीआई की अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक अक्टूबर 4 को होनी है. यह आरबीआई के नए गर्वनर उर्जित पटेल की देखरेख में होने वाली पहली बैठक होगी जिन्होंने हाल ही में (4 सितंबर) रघुराम राजन की जगह कार्यभार संभाला है. रघुराम राजन दरों में कटौती पर विमुखता को लेकर आलोचनाओं का शिकार होते रहे हैं, क्योंकि वो हमेशा कहते रहे हैं कि दरें उपलब्ध अवसरों के हिसाब से काफी कम हैं.