देहरादून : गत दिनों हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे द्वारा जहर खाकर आत्महत्या कर लिए जाने पर सरकार ने उसके परिजनों को दस लाख की आर्थिक सहायता और पत्नी को संविदा नौकरी देने की घोषणा की थी लेकिन आत्महत्या करने की लगातार मिल रही धमकियों के कारण सरकार ने मुआवजा देना स्थगित कर दिया है .
बता दें कि जब ट्रांसपोर्टर का शव हल्द्वानी पहुंचा तो स्थानीय लोगों ने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया और प्रकाश पांडे की पत्नी के लिये सरकारी नौकरी और 20 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी . इस पर सरकार ने पीड़ित परिवार को दस लाख रुपये का मुआवजा और पत्नी को संविदाकर्मी के तौर पर नौकरी देने का ऐलान किया था.
लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय में धमकी देने वालों का तांता लग गया . ट्रांसपोर्टर और ठेकेदार अपना भुगतान नहीं होने पर आत्महत्या करने की चेतावनी देने लगे. देर शाम तक इस तरह के फोन आने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रकाश पांडे के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा को स्थगित कर दिया. पीड़ित परिवार को स्थानीय सहयोग से दो लाख रुपए की आर्थिक सहायता पहुंचाई गई.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को बताया कि प्रकाश पांडे की आत्महत्या के मुद्दे पर कुछ लोग राजनैतिक रोटियां सेंक रहे हैं ,जबकि यह समय समय सहानुभूति दिखाने का है, सियासत करने का नहीं है .इस प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच शुरू हो गई है.
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