घायलों के इलाज के बजाय कागजी कार्रवाई करती रही पुलिस
घायलों के इलाज के बजाय कागजी कार्रवाई करती रही पुलिस
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि देश भर में कहीं भी दुर्घटना में घायल हुए लोगों का सबसे पहले उपचार शुरू हो, भले ही कागजी कार्रवाई बाद में की जाए. लेकिन खुद कानून के रक्षक सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना करने से पीछे नहीं हटते. हिमाचल पुलिस की संवेदनहीनता और उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की एक घटना सामने आई है, जहां पुलिस हादसे में घायल दो युवकों की मदद करने के बजाय, कागजी कार्रवाई में जुटी रही.

सिरमौर के पांवटा साहिब का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक दुर्घटना में घायल युवक पुलिस से अस्पताल ले जाने की गुहार लगा रहा है, लेकिन पुलिस उसकी बात अनसुनी कर अपनी कागजी कार्रवाई के काम में लगी हुई है. बताया जा रहा है कि रविवार शाम चार बजे के करीब पांवटा-शिलाई सड़क मार्ग पर एक स्कूटी और मोटरसाइकिल की आमने सामने टक्कर होने से 2 युवक गंभीर रूप से घायल हो गए. चंद ही मीटर की दूरी पर स्थित पुलिस चौकी में सूचना मिलने पर पुलिस दुर्घटनास्थल पहुंची.

लेकिन यहाँ घायल युवक तड़पता हुआ इलाज़ के लिए विनती करता रहा और पुलिस अपने काम में लगी रही. यहाँ मौजूद कुछ युवकों ने भी पुलिस से कहा कि पहले घायलों को अस्पताल ले जाए, लेकिन उन्होंने सहयोग नहीं किया. बाद में युवक अपनी ही कार में घायलों को अस्पताल लेकर गए. युवकों का कहना है कि मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद भी पुलिस ने कागजी कार्रवाई को प्राथमिकता दी.

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