पीएम ने कहा विज्ञान की बातो में भारतीय भाषाओं का समावेश हो
पीएम ने कहा विज्ञान की बातो में भारतीय भाषाओं का समावेश हो
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कोलकाता: कोलकाता में प्रोफेसर सत्येन्द्र नाथ बोस की 125वीं जयंती के कर्टन-रेजर समारोह को वीडियो-कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि, बोस भारतीय भाषाओं में विज्ञान की शिक्षा देने वाले महान व्यक्ति थे और उन्होंने बांग्ला भाषा में एक विज्ञान पत्रिका की शुरूआत भी की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विज्ञान संबंधी संवाद में ‘बड़े पैमाने’ पर भारतीय भाषाओं का इस्तेमाल करने की वकालत की, ताकि युवाओं में ‘विज्ञान के लिए प्रेम’ विकसित किया जा सके.

उन्होंने कहा कि इस दिशा में भाषा को अवरोधक नहीं बल्कि प्रेरक बनना चाहिए. मोदी ने कहा, ‘‘युवाओं के बीच विज्ञान की समझ और उसके प्रति प्रेम बढ़ाने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम विज्ञान से जुड़े संवाद को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करें. इस संबंध में भाषा को अवरोधक नहीं, बल्कि इसे बढ़ावा देने वाला बनना चाहिए.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक जनवरी, 1894 को कोलकाता में जन्मे प्रोफेसर सत्येन्द्र नाथ बोस भारतीय भौतिक-शास्त्री थे. वे परिमाण तकनीक पर अपने कार्य के लिए जाने जाते रहे हैं. इतना ही नहीं वे बोस-आइन्स्टाइन सांख्यिकी के जनक रहे हैं. बोस ने ही छोटे से छोटे कणों की अवधारणा को माना था और इसी आधार पर प्रोफेसर बोस के बाद इन्हें ''बोसोन्स'' का नाम दिया गया. उनका निधन चार फरवरी, 1974 को हुआ था. 

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