इस दिन रावण ने लगाई थी हनुमान जी की पूंछ में आग
इस दिन रावण ने लगाई थी हनुमान जी की पूंछ में आग
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रामायण की अगर बात करें, तो भगवान राम और बजरंगबलि का ही गुणगान अधिक देखने को मिलता है। रामायण का महत्व ही इस संसार से बुराई का नाश करने के लिए बताया गया है। जिस प्रकार बजरंगबलि और प्रभु श्रीराम द्वारा रावण का विनाश किया गया था। उसी प्रकार इस संसार से बुराई का भी विनाश हो। इसके अलावा अगर बजरंगबलि की बात करें, तो इन्हे संकट हरने वाला माना गया है। जो भी भक्त सच्चे मन से मंगलवार के दिन बजरंगबलि की आराधना करता है, उसे समस्त परेशानीयो से मुक्ति मिलती है। आज हम यहां पर इसी खास दिन के महत्व के बारे में चर्चा करने वाले है। यहां पर हम जानेंगे कि आखिर मंगलवार का ही दिन हनुमान जी के लिए प्रिय क्यों माना गया है?

दरअसल भाद्रपद माह के अंतिम मंगलवार को बुढ़वा मंगल मनाया जाता है। इस द‍िन भगवान शिव के अवतार माने जाने वाले हनुमान जी के दर्शन करना शुभ माना जाता है। बुढ़वा मंगल पर हनुमान जी की व‍िध‍िवत पूजा करने से सारे कष्ट म‍िट जाते हैं। ब‍िगड़े हुए काम बन जाते हैं। इसके अलावा बजरंगबली, पवनपुत्र, अंजनी पुत्र जी के दर्शन मात्र से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। कहते हैं कि‍ आज के द‍िन बजरंग बली को स‍िंदूर चढ़ाना और उनके सामने बुढ़वानल स्त्रोत का पाठ करना लाभकारी होता है। 

बुढ़वा मंगल का संबंध रामायण काल से जुड़ा माना जाता है। मान्यता है कि‍ आज ही के द‍िन यानी क‍ि भाद्रपद के आख‍िरी मंगलवार को रावण ने हनुमान जी की पूंछ में आग लगाई थी। ज‍िसके बाद हनुमान जी ने अपना व‍िकराल रूप धारण क‍िया और रावण की लंका जलाने के ल‍िए अपनी पूंछ में बड़वानल (अग्रि) पैदा की थी। ज‍िससे इस माह के आख‍िरी मंगलवार को बुढ़वा मंगल नाम म‍िला। बतादें क‍ि इस दि‍न स‍ि‍र्फ लंका ही नहीं जली थी बल्कि रावण के घमंड के चूर होने की शुरुआत हो गई थी।

 

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