नवरात्रि 2018: 1,96,08,53,119 वर्ष की हो गई सृष्टि, 2075 शुरू
नवरात्रि 2018: 1,96,08,53,119 वर्ष की हो गई सृष्टि, 2075 शुरू
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आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है, पर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है क्या? चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात् चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रथम तिथि. चैत्र सृष्टि सम्वत, विक्रम सम्वत, और शक सम्वत में वर्ष का प्रथम मास है. शुक्ल पक्ष मास की उन पंद्रह तिथियों को कहते हैं जिनमें अमावस्या से लेकर पूर्णमासी तक चंद्रमा का आकार बढ़ता है. और प्रतिपदा से अर्थ है प्रथम तिथि. 

इस तिथि का प्राकृतिक और ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्व है. प्राकृतिक रूप से यह कि वसंत की चरमावस्था यही है, और वसंत ही प्रकृति का श्रृंगारोत्सव है. ऐतिहासिक महत्व यह है कि इसी तिथि से सृष्टि का आरंभ माना जाता है, इसी तिथि को रघुकुलराज महाराजधिराज प्रभु श्रीराम चंद्र जी का राज्याभिषेक हुआ और वे अयोध्यापति हुए, यही तिथि महाराज श्री विक्रमादित्य जी का विजयोत्सव है. 

सृष्टि सम्वत अनुसार सृष्टि को हुए आज 1960 853 119 वर्ष होने आए. विक्रम सम्वत अनुसार आज महाराज श्री विक्रमादित्य से लेकर 2074 वर्ष पूर्ण हुए, यह 2075 वां वर्ष प्रारंभ हो रहा है. आज के अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण दिन हम सभी विश्ववासियों को उचित है कि हम यज्ञादि शुभकर्म द्वारा इस नववर्ष का आरंभ करें, जिससे कि हमारे आसपास के वायु-जलादि शुद्ध होकर हमारे लिए कल्याणकारी हो.  

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