राष्ट्रीय एकता दिवस हर साल पूरे भारत में 19 नवंबर को मनाया जाता है। यह भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी के जन्म दिन की सालगिरह के रुप में मनाया जाता है। जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों के कार्यालय के सदस्य एक ही स्थान पर एक साथ समाज में आम सद्भाव को सुनिश्चित करने की लिए प्रतिज्ञा लेने के लिए मिलते है। आधिकारिक तौर पर, हर राष्ट्रीय एकता दिवस पर दिवंगत प्रधानमंत्री की प्रतिमा पर पुष्प श्रद्धांजलि दी जाती है।
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यह सब भारतीय लोगों के बीच प्रेम और एकता को बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। देश के आजाद होने के बाद भी, भारत के लोग फिर भी आजाद नहीं थे, कहीं ना कहीं वे अभी भी गुलाम थे। देश के कुछ राजनीति से प्रेरित युवक लगातार समाज में लोगों की एकता और सांप्रदायिक सद्भाव में खलल डाल रहे थे। राष्ट्रीय एकता दिवस भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के जन्मदिन का जश्न याद करने के रूप में कौमी एकता दिवस के नाम से भी प्रसिद्ध है।
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भारत की राष्ट्रीय एकता परिषद, वरिष्ठ राजनीतिज्ञों की और लोगों की एक विधानसभा है, जिसे भारत में जातिवाद, सांप्रदायिकता और क्षेत्रवाद जैसी समस्याओं पर अभिभाषण करने की जरूरतों को पूरा करने के लिए स्थापित किया गया था। यह पहली बार भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा 1961 में आयोजित सम्मेलन में, देश की एकता को विभाजित करने के साथ ही प्रगति में बाधा उत्पन्न समस्याओं से लड़ने के उद्देश्य को लेकर स्थापित किया गया था। यह अप्रैल 2010 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में 147 सदस्यों के साथ पुर्नगठित किया गया था। राष्ट्रीय एकता परिषद के सदस्यों द्वारा समय-समय पर भेदभाव के उन्मूलन, सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के साथ ही साथ देश से सांप्रदायिकता और हिंसा के नियंत्रण के लिये बैठक का आयोजन किया जाता है।
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