शियान : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के नेताओं के बीच आज शिखर वार्ता हुई। जिसमें भारत और चीन के बीच कई तरह के समौते हुए। इस वार्ता में दोनों देश विकास के 24 पायदानों पर साथ आए। भारत और चीन ने 24 समझौतों के तहत स्किल डेवलपमेंट, भूकंप अध्ययन, थिंकटैंक फोरम समेत कई मसलों पर एक दूसरे का सहयोग करने की बात कही है।
मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन यात्रा के दूसरे दिन चीन के राजनयिकों से मुलाकात की। जिसमें देश के लिए चीन के साथ कई महत्वपूर्ण समझौते किए गए। दोनों देशों के बीच हुए 24 समझौते के तहत जो समझौते हुए हैं उसका अधिक से अधिक लाभ भारत को मिलेगा। इस दौरान चीन के डेवलपमेंट रिसर्च और नीति आयोग के माध्यम से भारत के लिए सहायता की जाएगी।
वहीं दोनों देश एक थिंक टैंक फोरम पर चर्चा कर रहे हैं। चीन और भारत के बीच स्किल डेवलपमेंट के ही साथ संचार तकनीक में भी समझौता किया गया है। चीन भारत के सरकारी मीडिया तंत्र दूरदर्शन का सहयोग अपने सरकारी मीडिया चैनल सीसीटीवी के माध्यम से करेगा। दूसरी ओर दोनों देशों ने सिस्टर सिटीज़ पर भी समझौता किया है। जिसमें भारत के नगरों में अधोसंरचनात्मक और परिवहन विकास पर चर्चा की जाएगी।
चीन भारत के रेलवे और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग करने में रूची ले रहा है। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों में हाल ही में आए भूकंप का असर हुआ है। जिसके चलते दोनों ही देश भूकंप विज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान करने के लिए आगे आए हें। चीन द्वारा डेवलपमेंट रिसर्च पर भी भारत के साथ काम किया जाएगा।
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन राजनयिक की मौजूदगी में दोनों देशों ने एक दूसरे के समझौते पत्रों पर हस्ताक्षर कर उन्हें एक दूसरे को लौटाया। इसी के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता हुई जिसमें चीनी राजनयिक ने अहमदाबाद में महात्मा गांधी स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्युट स्थापित करने और सहयोग करने की बात कही। यही नहीं भारत चीन में एक योग महाविद्यालय भी खोलेगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शियान उनके बहुत करीब है। यह एक सांस्कृतिक केंद्र है। उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे के साथ सहयोग कर इस संबंध को मजबूत बनाना होगा। हम दोनों देश एशिया के दो बड़े देशों के तौर पर एक दूसरे के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे बीच आपसी चर्चा मित्रवत और सृजनात्मक हो ऐसी आशा है। चीन की जो जरूरत है उसे भारत के साथ नए रिश्तों को शुरू कर पूरा किया जा सकता है। सीमा पर शांति के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
भारत - चीन के जो संबंध नरम - गरम रहे हैं उन्हें अब नए तरह से देखने की जरूरत है। भारत लाईन आॅफ एक्च्युअल कंट्रोल के मसले पर भी चर्चा करता है। दोनों जही देश इस सीमा रेखा का सम्मान करने को तैयार हैं।
चीन सीमा पर शांति बनाए रखने के पक्ष में है। दोनों देश रेलवे और अन्य क्षेत्रों में सहयोग के लिए आगे बढ़े हैं। गुजरात और महाराष्ट्र में चीन के सहयोग से इस तरह का काम हो सकेगा। उन्होंने कहा कि भारत चीन के साथ वीज़ा मसले को तेजी से सुलझाना चाहता है। मेक इन इंडिया के स्तर पर चीन भारत का सहयोग करेगा। भारत और चीन एक दूसरे के सहयोग से विकास किए जाने की बात को समझ रहे हैं।
यह वर्ष इंडिया इन चायना का वर्ष है अगला वर्ष चायना इन इंडिया का वर्ष होगा। चीन में भारत एक योगा काॅलेज खोलेगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नाथुला दर्रा खोले जाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन का धन्यवाद दिया। उल्लेखनीय है कि इस रास्ते से भारत में की जाने वाली कैलाश मानसरोवर की यात्रा का रास्ता आसान हो जाता है। भारत और चीन अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण परिवर्तन और आतंकवाद के मसले पर भी साथ मिलकर काम करेंगे। यह एक अच्छा संकेत है।