सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 'महिला खतना' का मामला
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा 'महिला खतना' का मामला
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नई दिल्ली: मुस्लिम समुदाय में महिलाओं के खतना का मामला अब शीर्ष अदालत तक पहुँच गया है, सुप्रीम कोर्ट ने दाऊदी बोहरा मुस्लिम समाज में आम रिवाज के रूप में प्रचलित इस इस्लामी प्रक्रिया पर रोक लगाने वाली याचिका पर केरल और तेलंगाना सरकारों को भी नोटिस जारी किया है. इस मामले में अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 9 जुलाई तक तेलंगाना और केरल सरकार से जवाब माँगा है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि महिलाओं का खतना पहले से ही अपराध की श्रेणी में आता है. अदालत ने कहा कि धर्म का नाम लेकर लड़कियों पर इस तरह का अत्याचार, निसंदेह जुर्म मन जाएगा और इसके लिए भारतीय दंड संहिता में सात साल तक कैद की सजा का प्रावधान भी है. अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने सरकार की ओर से चीफ जस्टिस की अदालत में ये जानकारी दी.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता और वकील सुनीता तिहाड़ की याचिका पर सुनवाई चल रही है,  तिहाड़ ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं, उन्होंने कहा है कि लड़कियों की खतना की परंपरा अमानवीय और गैरक़ानूनी है, क्योंकि ये संविधान में समानता की गारंटी देने वाले अनुच्छेदों में 14 और 21 का सरेआम उल्लंघन है.

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