बौद्ध विरासत के संरक्षण केन्द्र के रूप में विकसित हो लुंबिनी
बौद्ध विरासत के संरक्षण केन्द्र के रूप में विकसित हो लुंबिनी
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नेपाल के संस्कृति, पर्यटन और नागरिक उड्डयन मंत्री जितेन्द्र नारायण देव ने एक कार्यक्रम, बोधि पवर्रू बिम्सटेक बौद्ध विरासत का पर्व को संबोधित करते हुए कहा है कि गौतम बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी को बिम्सटेक देशों में बौद्ध विरासत के संरक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बोधि पर्व में प्रसिद्ध विद्वानों के विचार तो सुनने को मिलते ही हैं साथ ही बौद्ध धर्म पर वृतचित्रों, नृत्य, संगीत कार्यक्रम और क्विज आदि कार्यक्रमों से भी इस साझी विरासत के बारे में जानकारी मिलती है.

डाॅ. शर्मा ने भगवान बुद्ध के शांति और करूणा के संदेश को प्रासंगिक बताते हुए कहा कि यह इन देशों के बीच अभी भी एक मजबूत कड़ी का काम करता है. कार्यक्रम का उद्घाटन संस्कृति मंत्री डाॅ महेश शर्मा ने किया. नेपाल कि सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विरासत को बचाने के लिए इन दिनों कई तरह के प्रयास किये जा रहे है. इस के आलावा नेपाल में चुनाव भी चल रहे है. जिनका इन सब चीजों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने कि उम्मीद है.

बिम्सटेक बंगाल की खाड़ी से लगते सात देशों का संगठन है जिसमें बंगलादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, श्रीलंका , थाइलैंड और नेपाल शामिल हैं.

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