लाल बहादुर शास्त्री
लाल बहादुर शास्त्री
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लाल बहादुर शास्त्री

जैसा आम आदमी

कोई नहीं हो सकता 

अगर दो घंटे युद्ध और चलता ! तो भारत की सेना ने लाहोर तक कब्जा कर लिया होता ! लेकिन तभी पाकिस्तान को लगा कि जिस रफ्तार से भारत की सेना आगे बढ़ रही हमारा तो पूरा अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा, पाकिस्तान ने अमेरिका से कहा कि वो किसी तरह से इस युद्ध को रुकवा दे ! अमेरिका जानता था कि शास्त्री जी इतनी जल्दी नहीं मानने वाले ! क्यूँ कि वो पहले भी दो-तीन बार भारत को धमका चुका था !

धमक कैसे चूका था ? अमेरिका से भारत गेहूं आता था भारत के लिए PL 48 स्कीम के अंडर, PL मतलब public law 48 ! जैसे भारत मे संविधान में धाराए होती है ऐसे ही अमेरिका मे PL होता है ! तो लाल रंग का ख़राब गेंहू अमेरिका से भारत मे आता था ! और ये समझोता पंडित नेहरू ने किया था ! जिस गेंहू को अमेरिका मे जानवर भी नहीं खाते थे, उसे भारत के लोगो के लिए आयात करवाया जाता था ! आप भी आपके घर मे कोई बढ़ा बुजुर्ग हो उनसे पूछ सकते हैं की वो कितना घटिया गेहूं होता था ! 

अमेरिका ने भारत को धमकी दी कि हम भारत को गेहूं देना बंद कर देंगे ! तो शास्त्री जी ने कहा हाँ कर दो ! फिर कुछ दिन बाद अमेरिका का ब्यान आया कि अगर भारत को हमने गेंहू देना बंद कर दिया ! तो भारत के लोग भूखे मर जाएँगे ! तब शास्त्री जी ने कहा हम बिना गेंहू के भूखे मरे या बहुत अधिक खा के मरे ! तुम्हें क्या तकलीफ है ? हमे भूखे मरना पसंद होगा बशर्ते तुम्हारे देश का सड़ा हुआ गेंहू खाकर ! एक तो हम पैसे भी पूरे दे ऊपर से सड़ा हुआ गेहूं खाये ! नहीं चाहीये तुम्हारा गेंहू !

शास्त्रीजी ने दिल्ली मे रामलीला मैदान में लाखो लोगो से निवेदन किया कि एक तरफ पाकिस्तान से युद्ध चल रहा है ! ऐसे हालातो मे हमारे देश को पैसे कि बहुत जरूरत पड़ती है ! सब लोग अपने अपने फालतू खर्चे बंद करे ! ताकि वो घरेलु बचत देश के काम आए ! या आप सीधे सेना के लिए दान दे ! और हर व्यति सप्ताह से एक दिन का व्रत जरूर रखे !

तो शास्त्री जी के कहने पर ही देश के लाखो लोगो ने सोमवार को व्रत रखना शुरू कर दिया ! तो उसका नतीजा ये हुआ कि हमारे देश में ही गेहु बढने लगा ! और शास्त्री जी भी खुद सोमवार का व्रत रखा करते थे ! शास्त्री जी ने जो भी लोगो से कहा सबसे पहले उसका पालन खुद किया ! उनके घर मे बाई आती थी, जो साफ सफाई और कपड़े धोती थी, तो शास्त्री जी उसको हटा दिया और बोला ! देश हित के लिए मैं इतना खर्चा नहीं कर सकता ! मैं खुद ही घर कि सारी सफाई करूंगा ! क्यूंकि उस समय उनकी पत्नी ललिता देवी बीमार रहा करती थी ! और शास्त्री अपने कपड़े भी खुद धोते थे ! उनके पास सिर्फ दो जोड़ी धोती कुरता ही थी ! उनके घर में एक ट्यूटर भी आया करता था जो उनके बच्चो को अँग्रेजी पढ़ाया करता था ! तो शास्त्री जी ने उसे भी हटा दिया ! तो उसने शास्त्री जी ने कहा कि आपका बच्चा अँग्रेजी मे फेल हो जाएगा ! तब शास्त्री जी ने कहा होने दो ! देश के हजारो बच्चे अँग्रेजी मे ही फेल होते है तो इसी भी होने दो ! अगर अंग्रेज़ हिन्दी मे फेल हो सकते है तो भारतीय अँग्रेजी मे भी फेल हो सकते हैं ! और ये तो स्वाभाविक है क्यूंकि ये अंग्रेजी अपनी भाषा है ही नहीं !

एक दिन शास्त्री जी पत्नी ने कहा कि आपकी धोती फट गई है ! आप नहीं धोती ले आईये ! शास्त्री जी ने कहा बेहतर होगा ! कि सुईं धागा लेकर तुम इसको सिल दो ! मैं अभी नई धोती लाने की कल्पना भी नहीं कर सकता ! मैंने सब कुछ छोड़ दिया है पगार लेना भी बंद कर दिया है ! और जितना हो सके कम से कम खर्चे मे घर का खर्च चलाओ !

अंत मे शास्त्री जी युद्ध के बाद समझोता करने ताशकंद गए ! और वहां से जिंदा वापिस नहीं आये ! पूरे देश को बताया गया की उनकी मृत्यु हार्ट अटैक से हो गई ! जब कि उनकी ह्त्या कि गई थी ! किसने की कैसे की ये आज तक किसी को नहीं पता । भारत में शास्त्री जी जैसा सिर्फ और सिर्फ एक ही प्रधानमंत्री हुआ ! जिसने अपना पूरा जीवन एक साधारण आम आदमी की तरह व्तीत किया ! और पूरी ईमानदारी से अपने देश के लिए अपना फर्ज अदा किया !

शास्त्री जी ने ही देश को जय जवान और जय किसान का नारा दिया ! क्यूंकि उनका मानना था देश के लिए अनाज पैदा करने वाला किसान और सीमा कि रक्षा करने वाला जवान बहुत दोनों देश ले लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है ! ऐसा प्रधानमंत्री भारत को शायद ही कभी मिले ! अंत मे जब उनकी बैंक पास बुक चेक की गई तो उनके बैंक अकाउंट में सिर्फ 365 रुपए 35 पैसे थे !!! 

जय जवान जय किसान । जय हिन्द जय भारत । 

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