बहुत जगहों पर होलिका दहन के लिए लकडिय़ों, गोबर के कंडों व माला का इस्तेमाल किया जाता है.सूरज डूबने के पश्चात् विधिविधान से होलिका की पूजा-अर्चना करके सूर्यास्त के बाद दहन किया जाता है.
जानिए होलिका दहन पर किस दिशा में हवा का चलना फलदायी होता है-
पूर्व दिशा – अगर होली जलाते वक़्त हवा पूर्व दिशा की ओर चले तो इसे अच्छा शगुन माना जाता है. पूर्व दिशा को देवताओं की दिशा कहा गया है और मान्यता है कि इससे देश-प्रदेश में सालभर खुशहाली छाई रहेगी.
दक्षिण दिशा - हवा का रुख अगर दक्षिण दिशा की ओर हो तो ये अच्छा शगुन नहीं होता है.इससे फसलों को नुकसान होगा. महंगाई बढ़ेगी और राज्य की सत्ता भंग होगी तथा विद्रोह भी हो सकता है.
उत्तर दिशा - उत्तर दिशा की हवा का चलना शुभ होता है.इस दिशा को कुबेर की दिशा कहा गया है. हवा यदि उत्तर दिशा की ओर चले तो इसे अति शुभ माना जाता है. ऐसी स्थिति में आर्थिक क्षेत्र में उन्नति होती है और धन व सुख बढ़ता है.
पश्चिम दिशा – अगर पश्चिम दिशा की ओर हवा चले तो कृषि क्षेत्र में नुकसान होता है. होलिका दहन का धुआं यदि आसमान में सीधा जाए तो इसे राजनीति में बदलाव का सूचक माना जाता है.
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